यातायात पार्क में खिलौनों के माध्यम से वाहनों व उनकी ध्वनियों को बच्चों ने पहचाना।
बच्चों ने बड़ों से यातायात नियमों का पालन करने की भी अपील की।
इंदौर : पुलिस उपायुक्त, यातायात प्रबंधन, महानगर इंदौर महेश चंद जैन के निर्देशन में यातायात प्रबंधन पुलिस, महानगर इंदौर द्वारा स्कूली छात्र-छात्राओं को सड़क सुरक्षा नियमों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से लगातार कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।यातायात प्रबंधन पुलिस द्वारा इंडोर व आउटडोर जागरूकता कैम्पेन भी चलाया जा रहा है।
इसी कड़ी में शनिवार, 5 नवंबर को यातायात प्रबंधन पुलिस द्वारा यूरो किड्स प्री स्कूल जानकीनगर व धार कोठी कॉलोनी के नर्सरी के बच्चों को यातायात जागरूकता अभियान के तहत यातायात पार्क रेसीडेंसी एरिया का भ्रमण करवाया गया।
खेल – खेल में बच्चों को सिखाए गए यातायात के नियम।
खेल के माध्यम से बच्चों को कोई बात सिखाई जाए, तो बच्चे उसे आसानी से समझ सकते हैं। इसी के चलते बच्चों को रोड सेफ्टी एक्टिविटी व गेम्स के जरिए यातायात के नियम सिखाए गए। यातायात और सड़क सुरक्षा से जुड़े नियमों के बारे में बच्चों ने कई सवाल किए जिनके जवाब उन्हें रोचक अंदाज में दिए गए।बच्चों को बताया गया कि सड़क कब पार करनी चाहिए, सड़क पार करते समय उन्हें दाएं – बाएं किस तरह देखना चाहिए?
यातायात पार्क में लगी यातायात की पाठशाला में यातायात के आरक्षक सुमन्त सिंह कछावा द्वारा बच्चो को रोड सेफ्टी रूल्स सिखाए गए। यह रोड सेफ्टी रूल्स न सिर्फ बच्चों को सड़क दुर्घटनाओं से बचाएंगे, बल्कि ट्रैफिक के नियमों के बारे में उन्हें जागरूक भी करेंगे।
ट्रैफिक सिग्नल व संकेतो का अर्थ समझाया।
यातायात का सबसे पहला नियम ट्रैफिक सिग्नल से शुरू होता है।बच्चो को ट्रैफिक की तीन लाइट और उनका अलग-अलग अर्थ बताया गया।
बच्चो ने सीखा की रुको, देखो फिर सड़क पार करो।
सड़क पर जाने व सड़क पार करने से पहले सुरक्षित स्थान पर रुकना, सड़क के दाईं व बाईं तरफ देखना। अगर इस दौरान सड़क पर कोई वाहन तेज गति में है, तो उसके जाने की प्रतीक्षा करना और जल्दबाजी नही करना सिखाया गया।
वाहनो की ध्वनि पर ध्यान देना।
वाहनो की ध्वनि को पहचानने के लिए खिलौनों व सड़क पर चल रहे वाहनो को दिखा कर वाहनो में अंतर व पहचान बताई गई।
सड़क पर दौड़ें नहीं।
बच्चों को हर काम करने में थोड़ी जल्दी होती है। इसी वजह से वह सड़क पार करते समय या पार्क में जाते समय दौड़ सकते हैं। इस स्थिति में सड़क दुर्घटना होने का जोखिम अधिक रहता है। इसलिए बच्चे को बताया गया कि सड़क पर चलते समय या सड़क पार करते समय दौड़े नहीं।
वाहन के बाहर हाथ न निकालें।
बस, कार, ट्रेन या अन्य वाहन में बैठने पर अक्सर बच्चे जिद करते हैं कि उन्हें खिड़की वाली सीट चाहिए, ताकि वे बाहर का नजारा देख सकें। इस दौरान वे अपना हाथ भी खिड़की के बाहर कर सकते हैं, जो बेहद खतरनाक होता है। उन्हें बताया गया कि ट्रेन, बस में यात्रा करते समय सिर, हाथ बाहर न निकालें।
स्कूल जाने या घूमने-फिरने के दौरान या साइकिल चलाते समय राहगीरों से बात न करें और सड़क पर आ रहे वाहनों का भी ध्यान रखें।
बस के अंदर दौड़ने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
वाहन के रुकने के बाद ही चढ़ना और उतरना।
स्कूल बस या अन्य किसी वाहन के रुकने के बाद ही बच्चे को उसमें चढ़ना या फिर उतरना चाहिए। चलते वाहन में चढ़ने या उससे उतरने का प्रयास दुर्घटना का कारण बन सकता है।
स्कूल बस का इस्तेमाल हमेशा लाइन में रहकर करें, इस बात का ध्यान बच्चे को वाहन में चढ़ते और उतरते, दोनों ही समय रखना चाहिए।
4 साल के मिहिर मारोठिया व अमायरा शर्मा ने वीडियो संदेश देकर आम जनमानस से यातायात नियमों का पालन करने की अपील की। कार्यक्रम के दौरान स्कूल की ओर से प्रिंसिपल भावना सिंघी, शिक्षिका वर्षा सेन, मोनिका, किरण, लीना, रश्मि, मानसी, मुक्ता आदि मौजूद रहीं।