मां अहिल्या की नगरी को हम बिगड़ने नही देंगे।
नशे के कारोबार और पब संस्कृति पर कसेंगे नकेल।
अभ्यास मंडल की परिचर्चा में प्रबुद्ध जनों ने रखे विचार।
इंदौर : शहर में जिस तरह नशे का नाइट कल्चर बढ़ रहा है, देर रात तक युवा पब और बार में अमर्यादित आचरण कर रहे हैं, यदि उसे समय रहते रोका नहीं गया तो इंदौर की साख और संस्कृति को बट्टा लगते देर नहीं लगेगी। ऐसे में जरूरी है कि पब और बार के बढ़ते चलन पर रोक लगाई जाए। बेलगाम हो रहे युवाओं को कड़ी हिदायत दी जाए। उन हॉस्टल्स संचालकों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाए जो ज्यादा कमाई के लालच में अपने स्टूडेंट को देर रात तक घूमने की खुली छूट दे देते हैं।
ये विचार उन प्रभुद्ध जनों और युवा प्रतिभागियों के हैं जो उन्होंने अभ्यास मंडल द्वारा प्रेस क्लब में आयोजित शहर की बिगड़ती संस्कृति पर आयोजित परिचर्चा में व्यक्त किए।
विषय प्रवर्तन करते हुए मनीषा गौर ने कहा कि इंदौर शहर संस्कारों की नगरी है। यह इस शहर की धरोहर है। इसको किसी भी कीमत पर बचाना हर इंदौरी का दायित्व है।
परिवारों में संस्कार दें।
समाजसेवी जयंत भिसे ने परिवार को मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अच्छे संस्कार परिवार से ही मिलते हैं। बचपन से ही अच्छे संस्कारों का बीजारोपण बच्चों में किया जाना चाहिए।
बाहरी बच्चे हो रहें चकाचौंध के शिकार।
पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मदन राणे ने कहा कि जो बच्चे बाहर से यहां पढ़ने आते हैं वे यहां की चकाचौंध को देखकर भटक जाते हैं। उन्हें सही – गलत की समझाइश देने की जरूरत है।
कई हॉस्टल बन गए हैं नशे के अड्डे।
एडवोकेट सुशीला यादव ने कहा कि इंदौर में नशे का कारोबार पिछले 25 वर्षो से ज्यादा फल – फूल गया है। पूर्वी क्षेत्र में ऐसे कई हॉस्टल्स खुल गए हैं, जहां अवैध गतिविधियां चलती हैं और देर रात तक पार्टियों का दौर चलता रहता है।
लड़कियों में बढ़ता नशे का चलन घातक।
प्रोफेसर स्वप्निल व्यास ने कहा कि इंदौर मेट्रो बनने के पहले उड़ता इंदौर बन रहा है। लड़कियों में बढ़ता नशे का चलन हैरत में डालने वाला है। इसके चलते अपराध भी बढ़ रहे है।
अब नहीं जागे तो हालात विकट हो जाएंगे।
डॉ. अर्चना श्रीवास्तव ने कहा कि शहर में पब कल्चर युवाओं को खोखला कर दें, उसके पहले हमें जाग जाना चाहिए, अन्यथा हालात विकट हो जाएंगे।
सभ्रांत परिवारों के बच्चे बन रहे नशेड़ी।
गौरव रावल ने कहा कि हाल ही में इंदौर में 27 करोड़ की ड्रग पकड़ी गई जो इस बात का प्रमाण है कि संभांत परिवारों के बच्चे तेजी से नशे के आदि होते जा रहे हैं। यही युवा बाद में ड्रग पेडलर बन जाते हैं।
युवाओं को काउंसलिंग की जरूरत।
ओपी श्रीवास्तव ने कहा कि नशे से बचाने के लिए युवाओं को काउंसलिंग देने की जरूरत है। इसी के साथ नशे के कारोबार को ध्वस्त करना भी जरूरी है।
दीप्ति गौर ने कहा कि, हम अपने संस्कार भूलते जा रहे हैं। पुलिस प्रशासन को दोष देना गलत है।
अर्पण जैन ने कहा कि पब संस्कृति इंदौर को बर्बाद कर रही है। ऐश्वर्या डंगावकर ने कहा युवाओं को काउंसलिंग की जरूरत है।
अपसंस्कृति फैलाने वालों पर कसे शिकंजा।
पत्रकार मुकेश तिवारी ने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की जरूरत है, जो अपसंस्कृति को बढ़ावा देकर समाज में विनाश के बीज बो रहे हैं।
बाहर से पढ़ाई करने आने वाले बच्चे भटक जाते हैं।
शिक्षाविद रूपल कुंभज ने कहा कि बाहर से जो बच्चे यहां पढ़ने आते हैं, वे भटक जाते हैं। उन्हें समय रहते बचा लिया जाए इसमें हम सबका हित है। शरयु वाघमारे ने कहा कि हमारे यहां नशा मुक्ति केंद्र की संख्या बढ़ाने की जरूरत है।
वरिष्ठ पत्रकार जयश्री पिंगले ने कहा कि प्रशासन द्वारा शहर में कई तरह के अभियान चलाए जाते हैं लेकिन वे अपना असर नहीं छोड़ पाते।
जगदीश डंगावकर ने कहा कि हमे अब खामोश नही बैठना चाहिए।बाहर से जो आ रहे हैं, उनपर कड़ी नजर रखना जरूरी है। किशन सोमानी ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम का संचालन माला सिंह ठाकुर ने किया। आभार वैशाली खरे ने माना।
प्रशासन को भेजे जाएंगे परिचर्चा में आए विचार और सुझाव।
अभ्यास मंडल के अध्यक्ष रामेश्वर गुप्ता ने बताया कि इस परिचर्चा में जो विचार रखे गए हैं वो प्रशासन को भेजे जाएंगे।इस मौके पर रामेश्वर गुप्ता ,प्रभु त्रिवेदी ,हरेराम वाजपेई,, प्रवीण जोशी,अशोक मित्तल,रोहित मिश्रा, नयनी शुक्ला,गौरव संचार,आदित्य प्रताप सिंह, हरिकृष्ण खले, नेहा पित्रे, शरयू वाघमारे, स्वाति उखले, डॉ.श्रद्धा दुबे,प्रदीप नवीन, लक्ष्मीकांत पंडित, पी सी शर्मा, ग्रीष्मा त्रिवेदी सहित कई विशिष्टजन भी मौजूद रहे।