एक जनवरी को जैन तीर्थ शिखरजी के लिए रवाना होगी स्पेशल ट्रेन

  
Last Updated:  December 10, 2022 " 04:33 pm"

1251 समाजजन एक साथ करेंगे एक ट्रेन में सफ़र।

1 थ्री टायर एसी कोच, 14 स्लीपर कोच सहित 18 कोच की रहेगी स्पेशल ट्रेन।

इंदौर : सकल दिगम्बर जैन समाज युवा वेलफ़ेयर सोसायटी, इंदौर के बैनर तले 1 जनवरी 2023 से 8 जनवरी 2023 तक समाज के सबसे बड़े तीर्थ क्षेत्र श्री सम्मेद शिखरजी की यात्रा स्पेशल ट्रेन श्री चिंतामणि पारसनाथ एक्सप्रेस के जरिए आयोजित होगी। शिखरजी तीर्थ झारखंड राज्य में स्थित है।

यात्रा के आयोजक राहुल सेठी, महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष मेघना जैन और युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष यश जैन ने बताया की यात्रा के मुख्य सारथी बनने का सौभाग्य श्रीमती रेखा – शरद जैन परिवार, मुख्य संघपति राकेश- डाली जैन, मुख्य सहयोगी मुकेश पाटोदी परिवार, संयोजक कल्पना सुनील जैन, एवं संजय-,निधी जैन, जितेश- आभा जैन परिवार बने हैं। युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष यश जैन, महासचिव सोनम अभिषेक जैन ने बताया कि ट्रेन की बुकिंग रेल विभाग और आइआरसीटीसी के नियम के तहत जुलाई माह में की गयी थी। इसमें 1 थ्री टायर एसी कोच, 14 स्लीपर कोच के साथ 1 पेंट्रीकार और 2 एसएलआर कोच सहित कुल 18 कोच रहेंगे। स्पेशल ट्रेन से 1251 समाजजन सम्मेद शिखर जी की यात्रा करेंगे। सभी यात्रियों की ऑनलाइन टिकट बुकिंग आइटी प्रभारी अदिति-सलोनी जैन द्वारा की गई है। इसके साथ ही टिकटों की सूची भी दोनों आईटी प्रभारी द्वारा तैयार कर ली गई है।

यात्रा को सफल बनाने के लिए हर कोच के लिए 2-2 संयोजक गठित करने के साथ ही सम्मेद शिखर जी में ठहरने और भोजन व्यवस्था के लिए टीम गठित की गई है।

यात्रा का इस तरह रहेगा शेड्यूल।

आईटी प्रभारी सलोनी जैन, अदिति जैन ने बताया कि यात्रा की शुरुआत नये वर्ष 2023 के पहले दिन 1 जनवरी को रात 8 बजे इंदौर स्टेशन से होगी। 3 जनवरी को सभी शिखर जी पहुँच जायेंगे। इस दिन पर्वत के नीचे स्थित सभी मंदिर के दर्शन होंगे। 4 जनवरी को पर्वत की वंदना, 5 को गुणायतन मंदिर में विधान, 6 को आचार्य विमल सागर जी मंदिर से शोभा यात्रा और रात्रि में इन्दौर के लिए रवानगी होगी। 8 जनवरी को सुबह 6 बजे इन्दौर स्टेशन पर यात्रा का समापन होगा।

20 तीर्थंकर की हैं मोक्ष स्थली।

यात्रा के सयोजक सुयश जैन, सारथी रेखा जैन और संयोजक कल्पना जैन ने बताया की शिखर जी में जैन धर्म के 24 में से 20 भगवान (तीर्थंकर) मोक्ष गए है। इसलिए ऐसी मान्यता है की इस पावन यात्रा को करने और कराने वाले को काफ़ी पुण्य मिलता है। इस यात्रा में इंदौर के साथ मप्र के अन्य ज़िलों में रहने वाले समाजजन भी शामिल हो सकते हैं।

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