अ.भा. वेद महोत्सव में चारों वेदों के दर्शन एवं पूजन के साथ यज्ञ कुंड एवं पात्रों की प्रदर्शनी भी।
प्रत्येक श्रोता को भेंट करेंगे रूद्राक्ष एवं रक्षा सूत्र।
देश के जाने-माने तीन सौ से अधिक वेद मर्मज्ञ आएंगे।
दो हजार से अधिक वेदपाठी एवं पुरोहित भी शामिल होंगे।
आम नागरिकों को दुर्लभ प्रसंग का खुला आमंत्रण।
इंदौर : आगामी 16 से 18 दिसम्बर तक राजमोहल्ला स्थित वैष्णव विद्यालय परिसर में अ.भा. वेद महोत्सव का आयोजन होगा, जिसमें बड़ी संख्या में देश के वैदिक विद्वान शामिल होंगे। ये विद्वतजन, वेद मंत्रों के पारायण के साथ ही वैदिक विषयों पर चिंतन, मनन और मंथन भी करेंगे। इंदौर एवं आसपास के लगभग सभी संस्कृत विद्यालयों के करीब 1500 वेदपाठी बटुक एवं कर्मकांडी पुरोहितों सहित 2 हजार बंधु इस महोत्सव में भागीदार बनेंगे। आम लोगों को वेदों की महत्ता से अवगत कराने लिए महोत्सव स्थल पर चारों वेदों की प्रदर्शनी भी लगाई जा रही है। तीनों दिन यज्ञीय कुंड एवं यज्ञीय पात्रों की प्रदर्शनी भी सुबह 8 से सायं 6 बजे तक खुली रहेंगी। महोत्सव में आने और यज्ञ-हवन की परिक्रमा करने वाले सभी श्रोताओं को अभिमंत्रित रूद्राक्ष भी भेंट किए जाएंगे। शहर में कोई 6 वर्ष के अंतराल में राष्ट्रीय स्तर पर वेद महोत्सव का यह दुर्लभ, अनूठा और अभूतपूर्व आयोजन होने जा रहा है। सम्पूर्ण आयोजन आम नागरिकों के लिए खुला रहेगा। महोत्सव में प्रतिदिन वेदी परिक्रमा एवं रक्षा सूत्र प्राप्त करने का अवसर भी सुलभ रहेगा।
अ.भा. वेद महोत्सव की आयोजन समिति के संरक्षक, सांसद शंकर लालवानी, स्वागताध्यक्ष विनोद अग्रवाल , अध्यक्ष पुरुषोत्तमदास पसारी, महासचिव पं. राधेश्याम शर्मा ‘गुरूजी’ एवं समन्वयक पं. गणेश शास्त्री ने बताया कि महोत्सव में देश के करीब 2 हजार प्रतिनिधि शामिल होंगे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शुक्रवार 16 दिसम्बर को सुबह 8 बजे चतुर्वेद पारायण एवं सस्वर भद्रसूक्त के साथ ऋग्वेद पारायण के बाद प्रातः 10 बजे अयोध्या के विद्या भास्कर जगदगुरू रामानुजाचार्य स्वामी श्री वासुदेवाचार्य महाराज, श्रीमद वल्लभ संप्रदाय के जगदगुरू पद्मश्री गोस्वामी गोकुलोत्सव महाराज के सान्निध्य एवं काशी के प्रोफेसर भगवतशरण शुक्ल के मुख्य आतिथ्य में वेद महोत्सव का शुभारंभ होगा। सायं 7 बजे बाबा सत्यनारायण मौर्य ‘हमारी जड़ें वेद एवं अमर वैदिक ज्ञान, अमर हिन्दुस्तान’ विषय पर अपने प्रभावी विचार रखेंगे। बाबा मौर्य एक प्रदर्शनी का भी आयोजन कर रहे हैं, जो तीनों दिन खुली रहेगी । वे आम लोगों की वेद एवं याज्ञिक परंपराओं से जुड़ी जिज्ञासाओं का समाधान भी करेंगे। शनिवार 17 दिसम्बर एवं रविवार 18 दिसम्बर को यजुर्वेद अथर्ववेद पर विभिन्न सत्रों में देश के जाने-माने विद्वान आज के संदर्भों में वेद की महत्ता एवं उपयोगिता सहित विभिन्न मुद्दों पर विचार-मंथन करेंगे। महोत्सव में मैसूर, बैंगलुरू, बांसवाड़ा, त्र्यम्बकेश्वर, वाराणसी, विजयवाड़ा, दिल्ली, गोकर्ण, तिरुपति, काशी एवं देश के अन्य शहरों के करीब 300 विद्वान शामिल होंगे। शहर के लगभग सभी प्रमुख समाजों के पदाधिकारियों एवं प्रबुद्ध वर्ग के नागरिकों, विद्वानों आदि ने भी पूरे उत्साह के साथ इस महोत्सव में अपनी भागीदारी का संकल्प व्यक्त किया है। आयोजन समिति ने आम नागरिकों से भावी पीढ़ी को संस्कारित करने और वेदों की महत्ता से अवगत कराने हेतु महोत्सव में शामिल होकर इस दुर्लभ प्रसंग का पुण्य लाभ उठाने की अपील की है।
संस्कृत के वेदपाठी बटुक भी आएंगे।
महोत्सव में बाहर से आने वाले वेद पाठी विद्वानों एवं संस्कृत विद्यालयों के बटुकों के लिए आवास एवं भोजन की व्यवस्था वैष्णव विद्यालय के आसपास की विभिन्न धर्मशालाओं में की गई है। इंदौर की लगभग सभी संस्कृत पाठशालाओं के अलावा उज्जैन, पीपलखूंटा, बागली, बड़वाह, खऱगोन, कांटाफोड़, खंडवा आदि नगरों, कस्बों के वेदपाठी बटुक भी महोत्सव में भाग लेने आएंगे। इनके लिए महोत्सव स्थल तक आने-जाने के लिए वैष्णव ट्रस्ट सहित विभिन्न समाजसेवी बंधुओं के सहयोग से वाहन की व्यवस्थाएं भी की गई हैं। मेहमानों के लिए शुद्ध एवं सात्विक भोजन की व्यवस्था भी समिति की ओर से की गई है।
समिति के उपाध्यक्ष विष्णु बिंदल, पवन सिंघानिया, कोषाध्यक्ष टीकमचंद गर्ग एवं सचिव पं. गोविंद शर्मा ने बताया कि इस तीन दिवसीय महोत्सव में शहर के लगभग सभी धर्मस्थलों के संत-विद्वान भी पावन सान्निध्य प्रदान करेंगे। इनमें अन्नपूर्णा आश्रम इंदौर के महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेशवरानंद गिरि, श्रीविद्याधाम के महामंडलेश्वर चिन्मयानंद सरस्वती, हंसदास मठ के महामंडलेश्वर स्वामी रामचरणदास, बर्फानीधाम ओंकारेश्वर के हनुमानदास महाराज, गुमाश्ता नगर इंदौर के झालरिया पीठाधीश्वर स्वामी घनश्यामाचार्य, छत्रीबाग इंदौर स्थित व्यंकटेश मंदिर के नागोरिया पीठाधीश्वर स्वामी विष्णु प्रपन्नाचार्य, दादा दरबार छत्रीबाग के छोटे सरकार, केवड़ेश्वर मंदिर के महामंडलेश्वर स्वामी धर्मेन्द्र पुरी, खातीपुरा राम मंदिर इंदौर के महामंडलेश्वर स्वामी रामगोपालदास, बर्फानीधाम इंदौर के महामंडलेश्वर भरतदास महाराज, अंबिकापुरी खाटू श्याम धाम के महामंडलेश्वर रामगोपालदास, सदगुरू अण्णा महाराज, छत्रीबाग इंदौर के महंत रामायणी, वीर बगीची के ब्रह्मचारी पवनानंद, हरिधाम के महंत शुकदेवदास, अखंडधाम के महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी चेतनस्वरूप, गजासीन शनि मंदिर के महमंडलेश्वर दादू महाराज, गोराकुंड रामद्वारा के संत अमृतराम रामस्नेही एवं महामंडलेश्वर राधे-राधे बाबा सहित शहर के सभी प्रमुख धर्मस्थलों के संत-विद्वान शामिल हैं।