कूनो नेशनल पार्क के बाड़े में छोड़े गए दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीते

  
Last Updated:  February 19, 2023 " 01:27 pm"

अब 20 हो गई है कूनो नेशनल पार्क में चीतों की संख्या।

इंदौर : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत में चीता की वापसी से अब जैव विविधता की टूटी कड़ी फिर से जुड़ गई है। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से ही संभव हो सका है। उन्होंने कहा कि अब 20 चीते हो जाने से एशिया में कूनो सेंचुरी आकर्षण का केन्द्र बनेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने सेंचुरी में दक्षिण अफ्रीका से आए 12 चीतों में से 2 चीता को पिंजरे से मुक्त किया। केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव, केन्द्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रदेश के वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह इस दौरान मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने जैसे ही पिंजरे से चीते को छोड़ा, वह बाड़े में विचरण करने लगा। क्वारेंटाइन पीरियड खत्म होने के बाद इन्हें स्वछंद विचरण के लिए आजाद किया जाएगा।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कूनो सेंचुरी में चीता प्रोजेक्ट लाकर बहुत बड़ी सौगात दी है। मैं प्रधानमंत्री का ह्रदय से आभार मानता हूँ। उन्होंने कहा कि आज दक्षिण अफ्रीका से आए 12 चीतों से कूनो सेंचुरी में 20 चीते हो गए हैं। मैं केन्द्रीय वन मंत्री यादव को भी धन्यवाद देता हूँ। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में आए 8 चीते प्राकृतिक जीवन जी रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की पर्यावरण को बचाने की सोच के साथ हमें सभी वन्य-प्राणियों को बचाना है। उन्होंने कहा कि कूनो पालपुर में चीता आने से पर्यावरण-संरक्षण के साथ टूरिज्म भी तेजी से बढ़ेगा। आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ेगी। यहाँ रेस्तरां, होटल, होम स्टे आदि अधो-संरचना विकास कार्य रहे हैं।

केन्द्रीय वन मंत्री यादव ने कहा कि कूनो में चीते छोड़ कर भारत में बहुआयामी उदाहरण प्रस्तुत किया है। पहले चरण में अफ्रीका के नामीबिया से लाये गये चीते छोड़े गये थे, चीता प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में दक्षिण अफ्रीका से लाये गये 12 चीते छोड़ कर चीता प्रोजेक्ट का दूसरा भाग शुरू हुआ है। नामीबिया से आये चीते बड़े बाड़े में पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
केन्द्रीय वन मंत्री यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने यहाँ 450 चीता मित्र बना कर इस परियोजना को आगे बढ़ाया है। पेड़ काटने वाले लोगों ने कुल्हाड़ी छोड़ कर वन बचाने का संकल्प लिया है, इससे पर्यावरण बचेगा। कूनो में स्व-सहायता के प्रोजेक्ट देखने को मिले हैं। यहाँ की टीम ने चीता प्रोजेक्ट के अनुशासन का जिस तरह पालन किया है, उसके लिए टीम धन्यवाद की पात्र है। उन्होंने वायुसेना के वॉलेंटियर अफसरों का भी आभार माना, जो पर्यावरण-संरक्षण के विजन में पूरा सहयोग कर रहे हैं।

केन्द्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण मंत्री तोमर ने कहा कि मध्यप्रदेश के लिए प्रसन्नता का विषय है कि सितंबर 2022 में प्रधानमंत्री मोदी ने कूनो नेशनल पार्क में चीते छोड़ कर अपना जन्म-दिवस मनाया था। पहले छोड़े गये सभी 8 चीतों का स्वतंत्र जीवन भी हमारे लिए गर्व की बात है। तोमर ने कहा कि हर साल कूनो सेंचुरी में 12 चीते आएंगे।

कूनो नेशनल पार्क में चीता रिलीज कार्यक्रम से पूर्व मुख्यमंत्री चौहान ने चीता इंक्लोजर का भ्रमण भी किया। दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को ग्लोब मास्टर सी-17 वायुयान से रक्षा मंत्रालय ग्वालियर के हवाई अड्डे और फिर वहाँ से वायुसेना के 4 चिनूक हेलीकॉप्टर से कूनो नेशनल पार्क लाया गया।

Facebook Comments

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *