बुखार व सर्दी – खांसी पांच दिन से ज्यादा चले तो ले डॉक्टरी सलाह।
कोरोना का संक्रमण अब घातक नहीं।
इंदौर : H3N2 इन्फ्लुएंजा के मामले देश में लगातार बढ़ रहे हैं। इस वायरस से कर्नाटक और हरियाणा में कुल दो मरीजों की मौत होने की खबर ने चिंता बढ़ा दी है। अब तक, भारत में H3N2 इन्फ्लूएंजा के 90 मामले दर्ज हो चुके हैं। इसी तरह कोविड के मामलों में भी खासी बढ़ोतरी देखी जा रही है। क्या है H3N2 वायरस, यह कैसे मानव स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, क्या हैं, इसके लक्षण, इन सारे सवालों को लेकर ourliveindia.com ने एमजीएम मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. वीपी पांडे से चर्चा की।
H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस है।
डॉ. पांडे ने बताया कि H3N2 वायरस एक श्वसन वायरल संक्रमण है। इन्फ्लूएंजा ए वायरस के इस उपप्रकार की 1968 में इंसानों में पहचान हुई थी। यह H1N1 का ही नया स्ट्रेन है।
उन्होंने कहा कि H3N2 वायरस हर साल इस समय उत्परिवर्तित होता है। संक्रामक होने से यह तेजी से फैलता है।
ये हैं H3N2 वायरस के लक्षण।
डॉ. पांडे ने बताया कि बुखार, खांसी,सर्दी,बहती नाक,थकान,
उल्टी – दस्त, सांस फूलना,सिर दर्द, शरीर में दर्द इसके लक्षणों में शामिल हैं।
तीन से पांच दिनों में ठीक हो जाता है।
डॉ. वीपी पांडे ने बताया कि H3N2 वायरस का संक्रमण एक – दो दिन के बाद कम होने लगता है और तीन से पांच दिनों में ठीक हो जाता है। पैरासिटेमोल और कफ सिरप जैसी सामान्य दवाओं से यह नियंत्रित हो जाता है पर बुखार व खांसी का दौर लंबा चले तो डॉक्टर की सलाह से दवाइयां लेनी चाहिए। डॉ. पांडे ने बिना चिकित्सकीय परामर्श के एंटीबायोटिक नहीं लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि जिन्हें भी बुखार, सर्दी, खांसी और अन्य लक्षण हैं, वे मास्क लगाएं और घर के लोगों से दूरी बनाकर रखें ताकि संक्रमण दूसरों में न फैले।
कोविड का संक्रमण अब घातक नहीं।
कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर डॉ. पांडे का कहना था कि कोरोना का संक्रमण कभी भी खत्म नहीं होगा। ये रूप बदल – बदल कर हमला करता रहेगा। हालांकि ज्यादातर लोगों को कोविड की वैक्सीन लग चुकी है इसलिए अब इसका संक्रमण घातक सिद्ध नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जिस आयु वर्ग के लोगों के लिए प्रिकॉशन डोज की सिफारिश की गई है, उन्हें एहतियात के बतौर वैक्सीन का तीसरा डोज लगवा लेना चाहिए।