हाईकोर्ट ने बीआरटीएस के 700 मीटर के हिस्से में ट्रैफिक डायवर्ट करने की दी अनुमति
इंदौर : भंवरकुआ फ्लाईओवर के निर्माण में आ रही बड़ी बाधा दूर हो गई है। उच्च न्यायालय खण्डपीठ, इन्दौर ने अपने महत्वपूर्ण निर्णय में बी.आर.टी.एस. लेन से मिक्स ट्रेफिक को गुजरने की अनुमति देते हुए इसके 700 मीटर के हिस्से में ट्रेफिक डायवर्ट करने की अनुमति दे दी है। यह अनुमति 18 माह तक वैध रहेगी। इसके अतिरिक्त किसी कारणवश निर्माण में विलम्ब होने पर न्यायालय से पुनः स्वीकृति ली जाना आवश्यक होगी।
बीआरटीएस के 700 मीटर हिस्से में ट्रैफिक डायवर्ट करने को हरी झंडी।
आईडीए अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भंवरकुंआ चौराहा शहर के व्यस्ततम चौराहों में से एक है जहां से प्रतिदिन डेढ़ लाख वाहनों का आवागमन होता है। इस क्षेत्र में 3-4 लाख विद्यार्थी निवासरत होकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। यही कारण है कि मुख्यमंत्री ने जो 11 फ्लाय ओव्हर शहर में बनाने के निर्देश दिये थे, उनमें प्रथम फेज में भंवरकुंआ चौराहा फ्लाईओव्हर बनाए जाने का निर्णय लिया गया। व्यस्ततम मार्ग होने से आवश्यक हो गया था कि निर्माण स्थल पर वाहनों की आवाजाही रोकी जाए। उच्च न्यायालय में इस आशय की याचिका लगाई गई थी, जिसपर उच्च न्यायालय द्वारा विकास की दिशा में सकारात्मक निर्णय प्रदान किया गया है।इससे फ्लाईओव्हर के निर्माण को गति मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने फ्लाईओवर के निर्माण के चलते बीआरटीएस के 700 मीटर के हिस्से में मिक्स ट्रैफिक डायवर्ट करने की अनुमति दे दी है।
फ्लाईओवर के निर्माण से सुगम होगा यातायात।
चावड़ा ने बताया कि इस फ्लाईओव्हर की लम्बाई 625 मीटर होकर बी.आर.टी.एस. के मार्ग के दोनों ओर 3-3 लेन में बनाया जाना प्रस्तावित है, जिसकी निर्माण लागत रूपये 47.27 करोड़ है। इसके बन जाने से भंवरकुंआ चौराहे पर खातीवाला टैंक से खण्डवा रोड़ जाने वाला ट्रेफिक सीधा निकल सकेगा एवं बी.आर.टी.एस. मार्ग के दोनो ओर ट्रेफिक फ्लाईओव्हर के माध्यम से निकल सकेगा।
चावड़ा ने बताया कि न्यायालय के इस महत्वपूर्ण निर्णय के परिपालन में इन्दौर विकास प्राधिकरण द्वारा जाली हटाने का कार्य शुरू किया गया है। दिनांक 25.03.2023 को वे जन प्रतिनिधियों के साथ भंवरकुंआ चौराहे फ्लाईओव्हर के निर्माणाधीन कार्य का अवलोकन करने के लिए प्रातः 11.00 बजे पहुंचेंगे।