राहत कार्य में कथित लापरवाही पर मुख्यमंत्री के समक्ष पीड़ितों का फूटा आक्रोश।
मुख्यमंत्री हाय – हाय के लगे नारे।
इंदौर : बावड़ी हादसे में अपनों को खोने का दर्द, बेबसी, लाचारी पीड़ितों के आक्रोश में तब्दील होकर फुट पड़ी। मुख्यमंत्री से लेकर तमाम जनप्रतिनिधियों को उनके गुस्से का शिकार होना पड़ा। मुख्यमंत्री हाय – हाय के नारे तक लग गए।
पीड़ितों से मिलने पहुंचे तो निकला दिल का गुबार।
दरअसल, पीड़ित परिवारों की नाराजगी रेस्क्यू ऑपरेशन में बरती गई कथित लापरवाही को लेकर थी। उनका कहना था कि इतना बड़ा हादसा होने के बावजूद प्रशासन ने सेना को बुलाने में देरी की। हादसे के बाद ही सेना को बुलाकर राहत और बचाव कार्य की कमान उसे सौंप दी जाती तो कई जिंदगियां बचाई जा सकती थी। यही कारण रहा की जब मुख्यमंत्री चौहान पीड़ितों के बीच उनका गम बांटने पहुंचे तो आंसुओं से भीगे चेहरों पर शासन – प्रशासन के खिलाफ नाराजगी उभर आई। लोगों ने मुख्यमंत्री से जवाब तलब करना शुरू कर दिया। मुख्यमंत्री ने उन्हें ये कहकर शांत करने का प्रयास किया कि घटना की जांच करवाई जा रही है, जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बावजूद इसके लोगों का आक्रोश बना रहा। मौके की नजाकत को देखते हुए प्रशासन ने मुख्यमंत्री को वहां से ले जाना ही उचित समझा। इस दौरान कुछ लोगों ने मुख्यमंत्री हाय – हाय के नारे भी लगा दिए।
हालांकि मीडिया से चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। घायलों के उपचार की समुचित व्यवस्था की गई है।मृतकों के परिजनों और घायलों को राहत राशि का वितरण किया जा रहा है। शासन और प्रशासन मजबूती से पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा है।