वरिष्ठ बीजेपी नेता गोविंद मालू ने केंद्र सरकार को लिखा पत्र।
इंदौर : खनिज निगम के पूर्व उपाध्यक्ष गोविन्द मालू नें प्रधानमंत्री और, खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि तेल को पैकिंग एक्ट से छूट देकर खुले में तेल की बिक्री की जाए। यह कानून यूपीए सरकार के समय बनाया गया था। अब जब तेल का थोक मूल्य 40% से भी कम हो गया है, तो उपभोक्ता तक यह राहत कम्पनियों के एमआरपी. और कम वजन के कारण नहीं मिल पा रही है। कंपनियां पेकिंग में तापमान का बहाना लेकर 910 ग्राम की जगह 750 से 840 ग्राम ही भरते हैं। दूसरी ओर व्यापारियों नें गांव-गांव में पैकिंग मशीन लगा रखी है, जो मिलावट वाला तेल, कम वजन के पैकिंग में बेचते हैं।
केंद्र सरकार ने उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए आयात शुल्क में भी छूट दे दी, इसे भाजपा सरकार ने 30 जून तक बढ़ा भी दिया है। लेकिन, पैकिंग में कम्पनियों ने उतने दाम कम नहीं किए।केंद्र सरकार मिलावट, कम वजन एवं मुनाफाखोरी की जांच के लिए आंतरिक मंत्रालय समिति केंद्रीय जांच दल भी भेजे। प्रधानमंत्री ने मिलावटी माल बेचने पर 1लाख का जुर्माना और आजीवन कारावास जैसी सख्त सजा को कानून के तहत लागू करने का प्रावधान नए नियम 1जुलाई 2019 को लागू करने का आव्हान किया था। इसका पालन प्रशासन सख्ती से करे, ताकि प्रधानमंत्री की गरीब को तेल सस्ता और गुणवत्ता वाला मिलने का संकल्प पूरा हो सके।