आमरस, दही,दूध,केशर,इत्र,गन्ने के रस से भरे 108 कलशों से किया गया प्रभु वेंकटेश का ज्येष्ठाभिषेक।
इंदौर : गोविंदा गोविंदा के महाजयघोष, शहनाई की मधुर धुन, आमरस व इत्र की दिव्य महक और विद्यार्थियो के एक बड़े समूह द्वारा श्री सूक्त, पुरुष सूक्त कनकधारा स्तोत्र ,अल्वन्दर स्तोत्र का वाचन, घंटे,घड़ियाल,शंख की ध्वनि के बीच प्रभु को कभी आमरस से तो कभी केशर जल से, कभी दही से तो कभी दूध से स्नान कराया जा रहा था और प्रभु के मुखारविंद पर अदभुत मुस्कान देख भक्त भी प्रसन नजर आ रहे थे
यह दिव्य नजारा पावन सिद्धधाम श्री लक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग में ज्येष्ठा नक्षत्र में प्रभु वेकटेश के ज्येष्टाभिषेक का, जो लगभग 6 से 7घंटे तक सतत चलता रहा।
महाभिषेक की शुरुआत श्रीमदजगदगुरु रामानुजाचार्य नागोरिया पीठाधिपति स्वामी श्री विष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज के मंगलाशासन में वेंकटरमणा गोविन्दा श्री निवासा, गोविन्दा नाम जप परिक्रमा के साथ हुई।देवस्थान के सुदर्शना चार्यजी,शिवम पांडे,सत्तू जी, मनोहर शास्त्री,केलाश शास्त्री व गोपाल द्वारा यजमान कैलाश साबू परिवार से कलशों का पूजन करवाकर संकल्प किया गया।
प्रचार प्रमुख पंकज तोतला ने बताया कि प्रभु वेंकटेश को तिरुमंजन कराकर दूध, दही, घी, शकर, इत्र, शहद, आमरस,केशर जल,गन्ने का रस,फलों का रस,हल्दी का जल, आवला,अरीठा,व अनेक प्रकार की औषधियों से सभी फलो के रस, व नदियों से लाए गए जल द्वारा 108 रजत कलशो की सहस्त्रधारा से गोविंदा – गोविंदा के जयघोष के साथ महाभिषेक किया गया।
महाभिषेक के मध्य बार बार प्रभु की कपूर की आरती की जा रही थी साथ ही धूप भी दी जा रही थी।
अभिषेक के बाद प्रसिद्ध भजन गायक विवेक मेहता ने सुमधुर भजनों की प्रस्तुति देकर सभी भक्तो को खूब आनंदित किया।
प्रभु को हल्दी का लेप लगाकर तुलसी की माला धारण करायी गई।इसके बाद प्रभु का श्रृंगार कर स्वर्ण पुष्प मोगरा व तुलसी द्वारा सहस्त्र नामो से अर्चना की गयी और गोष्ठी प्रसाद वितरित किया गया।
इस अवसर पर पंकज तोतला,पवन व्यास,,राजेंद्र सोनी,महेंद्र नीमा, संपत मानधन्या, राधाकिशन सोनी,लछु लड्ढा,भरत तोतला,आनंद साबू,आलोक साबू सहित बड़ी संख्या में भक्तजन मौजूद थे।