21.8 किमी लंबाई का यह पुल मुंबई को नवी मुंबई से जोड़ेगा।
अटल सेतु से मुंबई – पुणे के बीच आवागमन में भी समय कम लगेगा।
मुंबई – गोवा के आवागमन में भी दो घंटे समय की होगी बचत।
भूकंप के तेज झटके सहने में भी सक्षम है यह ब्रिज।
मुंबई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुंबई ने हाल ही में मुंबई से नवी मुंबई को जोड़ने वाले 21.8 किलामीटर लंबे समुद्री ब्रिज का लोकार्पण किया। इस ब्रिज का नाम अटल सेतु रखा गया है।
17 हजार 840 करोड़ रुपए आई है लागत।
यह देश का सबसे लंबा समुद्री ब्रिज है। 17,840 करोड़ रुपये की लागत से बने इस ब्रिज से मुंबई के यातायात को सुगम बनाने में मदद मिलेगी। सीधे तौर पर मुंबई से नवी मुंबई केवल 20 मिनट में पहुंचा जा सकेगा। इस महासेतु के खुलने से मुंबई के दूसरे हिस्सों के यातायात पर भी फर्क पड़ेगा। यह शिवडी-न्हावाशेवा को जोड़ेगा। इसे मुंबई हार्बर ट्रांस लिंक (एमटीएचएल) के नाम से जाता जा रहा है। अटल सेतु से मुंबई से गोवा जाने में अब सिर्फ 9 घंटे लगेंगे। इसी प्रकार अभी मुंबई से पुणे के बीच आने जाने में तीन घंटे लगते हैं। इस ब्रिज के खुलने से यह सफर डेढ़ से पौने दो घंटे में पूरा हो जाएगा।
साढ़े सोलह किमी हिस्सा समुद्र के ऊपर।
समुद्र पर बने अटल सेतु की कुल लंबाई 21.8 किलोमीटर है। ब्रिज का 16.5 किमी हिस्सा समुद्र पर और 5.5 किमी हिस्सा जमीन पर है। प्रतिदिन इस सेतु से 70 हजार वाहन गुजरने का अनुमान है।
इस ब्रिज से आने-जाने का का कुल टोल 375 रुपये होगा।सिंगल साइड के लिए यह टोल 250 रुपये रखा गया है।
100 किमी प्रति घंटा होगी स्पीड।
ब्रिज खुलने से मुंबई से नवी मुंबई, नवी मुंबई एयरपोर्ट, मुंबई-पुणे एक्सप्रेस, मुंबई गोवा हाइवे तक बगैर ट्रैफिक में फंसे पहुंचना संभव हो गया है। ब्रिज पर वाहनों को 100 किमी की स्पीड से गाड़ी दौड़ाने की अनुमति दी गई है। वाहनों की गति बनाए रखने के लिए देश में पहली बार ओपन रोड टोलिंग सिस्टम एमटीएचएल लागू किया गया है। दो पहिया वाहनों को इस ब्रिज पर जाने की अनुमति नहीं होगी।
तेज भूकंप के झटके भी सह सकेगा।
अत्याधुनिक तकनीक से बना अटल समुद्री सेतु भूकंप के झटकों और समुद्र की तेज लहरों से सुरक्षित बताया गया है। इसकी आयु 100 वर्ष आंकी गई है। इसके निर्माण के दौरान पर्यावरण और समुद्री जीवों का खयाल रखा गया है। इस पुल के ऊपर और नीचे 190 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जिनमें से 130 कैमरे हाईटेक और AI से लैस हैं।
पुल के किनारे लगे हैं साउंड बैरियर।
अटल सेतु जहां बनाया गया है, उस क्षेत्र में हर साल सर्दियों में फ्लेमिंगो पक्षी विचरण के लिए आते हैं। इसका खास ख्याल रखते हुए पुल के किनारे साउंड बैरियर भी लगाए गए हैं। इससे ध्वनि प्रदूषण नहीं होगा और पक्षियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। इसके अलावा पुल पर ऐसी लाइटें लगाई गई हैं, जो सिर्फ पुल पर पड़ेंगी और समुद्री जीवों को नुकसान नहीं पहुंचेगा।