खाद्य तेलों के आयात पर बढ़ाएं सीमा शुल्क।
सोपा चेयरमैन डॉ. डेविश जैन ने सरकार से की मांग ।
सोपा चेयरमेन ने सोयाबीन की एमएसपी में वृद्धि को सराहा।
इंदौर : सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के चेयरमेन डॉ. डेविश जैन ने सोयाबीन और अन्य तिलहनों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने के भारत सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि तिलहनों की एमएसपी में वृद्धि किसानों के लिए स्वागत योग्य कदम है, लेकिन अगर खाद्य तेलों पर सीमा शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया गया तो न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की खरीद की व्यवहार्यता बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
खाद्य तेलों पर सीमा शुल्क को एमएसपी से करें लिंक ।
सोयाबीन की कीमतों को न्यूनतम मूल्य के स्तर से ऊपर बनाए रखने के लिए डॉ. जैन ने भारत सरकार से खाद्य तेलों पर सीमा शुल्क और कृषि उपकर को एमएसपी से लिंक करने की मांग की है । उन्होंने सरकार से राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन के शीघ्र कार्यान्वयन का भी आग्रह किया जिससे देश में तिलहन का वार्षिक उत्पादन कम से कम 55 मिलियन टन से ऊपर के स्तर पर बना रहे ।
खाद्य तेलों के आयात पर शुल्क बढ़ाए सरकार।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को हाल ही में लिखे एक पत्र में, डॉ. जैन ने घरेलू तिलहनों और खाद्य तेल उद्योग पर बढ़ते खाद्य तेल आयात के नकारात्मक प्रभावों पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए आयातित खाद्य तेलों पर सीमा शुल्क और कृषि उपकर में पर्याप्त वृद्धि की मांग की है।
सोपा चेयरमेन ने कहा कि आयातित तेलों पर सीमा शुल्क में वृद्धि से घरेलू तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देगा, किसानों को अधिक तिलहन बोने के लिए प्रोत्साहित मिलेगा और भारत को खाद्य तेलों और तिलहनों में आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी।