सिंधी समाज ने कोलकाता की घटना पर जताया आक्रोश

  
Last Updated:  August 21, 2024 " 07:53 pm"

पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की।

राष्ट्रपति के नाम संभागायुक्त को सौंपा ज्ञापन।

इंदौर : हिंद सिंध समन्वय संगठन, भारतीय सिंधु सभा, सिंधी विकास परिषद, एवं बड़ी संख्या में सिंधी समाज से जुड़ी संस्थाओं ने राष्ट्रपति के नाम संभाग आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर पश्चिम बंगाल में ममता सरकार की बर्खास्तगी और राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की।

समाज से जुड़े डॉ. संतोष वाधवानी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कोलकाता के शासकीय अस्पताल में युवा महिला डॉक्टर के साथ हुई वीभत्स घटना को लेकर कड़ी कार्रवाई करने की बजाय ममता सरकार घटना को दबाने और सबूत मिटाने में लगी है। इसे लेकर देशभर में समाज के हर वर्ग में आक्रोश है। ऐसे में सिंधी समाज से जुड़े संगठनों ने बर्बरता का शिकार हुई कोलकाता की डॉक्टर बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए अपनी आवाज बुलंद की है।

राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देने वालों में पार्षद कंचन गिद्ववानी, रोशनी शर्मा, श्रीमती चंदा खत्री, सुश्री चंचल तलरेजा,भारतीय सिंधु सभा के अध्यक्ष अजय शिवानी, नरेश चेलानी , समाज के वरिष्ठ मंशाराम राजानी, सिंधी समाज के युवा भाजपा नेता डॉ, संतोष वाधवानी, महारानी रोड व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र रामनानी, केंद्रीय मानव अधिकार सुरक्षा संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मोनू जायसवाल, अपोलो टावर के सचिव एवं भाजपा नेता सुनील गुप्ता, गुरमीत सिंह होरा, गगनदीप सिंह भाटिया ,पवन कुकरेजा , नितिन सहजवानी, नितिन झमटानी, प्रकाश गौड़ , संजय शर्मा, पंकज शर्मा, नीरज मोटवानी, श्यामानंद महाराज, कैलाश त्रिवेदी, उमाशंकर शर्मा ,सुनील मोरे, पं. विष्णु नारायण,गौरव गुप्ता,अन्य समाज बंधु व प्रबुद्धजन शामिल थे।

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