व्यंकटेश देवस्थान छत्रीबाग में जारी है मां भगवती के कुंकुमार्चन का सिलसिला।
इंदौर : लक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग में चल रहे तीन दिवसीय श्री विद्या कोठी कुंकुमार्चन महायज्ञ में विभिन्न अनुष्ठानों का दौर जारी है। दूसरे दिन पूजन – अर्चन के साथ नृत्य नाटिका का मंचन भी किया गया। इस मौके पर नागोरिया पीठाधीश्वर आचार्य श्री विष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं को अपने आशीर्वचनों से नवाजा।
आचार्यश्री ने कहा कि नवरात्रि के मौके पर समस्त आराधनाएं हमें परमात्मा तक ले जाती है। ब्रह्मचारिणी मां का द्वितीय दिन का स्वरूप है जो हमें स्वयं पर नियंत्रण रखना सिखाती हैं कि किस प्रकार हम काम, क्रोध, लोभ मोह पर संयम रखते हुए अपने जीवन को जीवन परमात्मा तक पहुंचा सकते हैं। मां भगवती की इसमें प्रमुख भूमिका होती है। उनके बगैर ठाकुर जी भी इस धरा धाम पर नहीं आते। जब कंस द्वारा प्रताड़ना देने से सभी लोग दु:खी हो गए तो मां भगवती ने ही आकाशवाणी की थी कि कंस तुम्हारा अब मृत्यु का समय निकट आ गया है। अर्थात जब-जब अधर्म बढ़ता है, मां किसी न किसी स्वरूप में प्रकट होती है।
उन्होंने कहा कि अखंड भारत का निर्माण नारी शक्ति के बगैर संभव नहीं है। इंदौर तो मां अहिल्या की नगरी है। पन्नाधाय का भी आपने नाम सुना होगा। मेवाड़ की रक्षा के लिए पन्नाधाय ने अपने एकमात्र पुत्र का बलिदान कर दिया था। महर्षि लोग कहते हैं कि आज भी इस ब्रह्मांड में लाखों करोड़ों आत्माएं इसलिए विचरण कर रही हैं कि हमें कोई ऐसा गृहस्थ आश्रम मिल जाए, ऐसे दंपति मिल जाए जिसके गर्भ से हम इस धरा धाम पर अवतरित हो सके।
कुमकुम अर्चना में दूसरे दिन भी 21 हजार मंत्रों से श्रीयंत्र की, भगवती परमश्री ललिता देवी राजराजेश्वरी की कुमकुम अर्चना की गई । इस अवसर पर पंकज तोतला, रमेश चितलांगिया, भरत तोतला, सौरभ चौहान,अशोक डागा, सुनील राठी, कृष्ण शर्मा गिरीश धुत सहित बड़ी तादाद में श्रद्धालु मौजूद रहे। इस दौरान देवस्थान मे नृत्य नाटिका का मंचन भी मां भगवती के जीवन पर किया गया।