केईएम मेडिकल स्कूल की ऐतिहासिक इमारत में भूतिया पार्टी मनाने पर चिकित्सकों ने जताया आक्रोश

  
Last Updated:  October 19, 2024 " 02:14 am"

एमजीएम एलुमनी एसो. और मेडिकल टीचर्स एसो. ने संयोगितागंज पुलिस को सौंपा ज्ञापन।

ऐतिहासिक धरोहर में भूतिया पार्टी मनाने वालों के खिलाफ की सख्त कार्रवाई की मांग।

इंदौर : एमवायएच के समीप स्थित केईएम मेडिकल स्कूल की ऐतिहासिक इमारत में हाल ही में भूतिया पार्टी किए जाने और इमारत के फर्श व दीवारों पर कतिपय स्लोगन लिखकर उन्हें गंदा करने का मामला तूल पकड़ गया है। एमजीएम मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन और एमजीएम एलुमनाई एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने केईएएम की ऐतिहासिक धरोहर में भूतिया पार्टी मनाए जाने पर सख्त ऐतराज जताते हुए उसपर कड़ी नाराजगी जताई।

कब्रों के बनाए थे अवशेष।

चिकित्सक संगठनों के पदाधिकारियों का कहना था कि बीते रविवार की रात केईएम मेडिकल स्कूल बिल्डिंग जो एम जी एम मेडिकल कॉलेज की ऐतिहासिक धरोहर है, उसमें अंग्रेजी मानसिकता वाले एक समूह ने हैलोवीन /भुतहा पार्टी मनाई। इस दौरान वहां कब्रों के अवशेष बनाए गए,खूनी फव्वारा, स्त्री तुम जरूर आना जैसे स्लोगन दीवारों पर लिखे गए। लाल खूनी रंग चारों ओर फैलाया गया, भुतहा गाने बजाए गए, एडवर्ड स्टेट जैसे बोर्ड लगाए गए और कब्रों में शांति से सोइए जैसे सेंटेंस लिखे गए।

एमजीएम एलुमनाई एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. संजय लोंढे व सचिव डॉ. विनीता कोठारी और एमजीएम मेडिकल टीचर्स एसो. के अध्यक्ष डॉ. संजय रोकड़े व सचिव डॉ. अशोक ठाकुर ने बताया कि 1948 में बनी इस इमारत से इंदौर का मेडिकल इतिहास आरंभ हुआ। 1950 में एमजीएम मेडिकल कॉलेज की शुरुआत हुई।

कहा जाता है कि 20 लोगों को दिन में इमारत के अवलोकन की अनुमति दी गई थी, पर उसकी आड़ में उक्त ऐतिहासिक धरोहर में भूतिया पार्टी मना ली गई। एमजीएम एलुमनी और मेडिकल टीचर्स एसो. ने उक्त घटनाक्रम का कड़ा विरोध करते हुए संयोगितागंज पुलिस थाने में आवेदन दिया और भूतिया पार्टी के आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। संयोगितागंज पुलिस ने जांच के बाद उचित कार्रवाई का भरोसा दिया है।

एमजीएम एलुमनी एसो. ने रखी ये मांगे।

एमजीएम एलुमनी एसो. ने शासन से मांग की है कि ऐतिहासिक महत्व की केईएम इमारत के रखरखाव का जिम्मा पुरातत्व विभाग से लेकर उन्हें सौंप दिया जाए। उन्होंने भविष्य में शिक्षा से जुड़े ऐतिहासिक महत्व के स्थलों को विशेष संरक्षण दिए जाने की भी मांग की।

Facebook Comments

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *