इंदौर : भारत की लोक संस्कृति का जैसा मनभावन दृश्य भगवान बिरसा मुंडा के जन्म दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में दिखा , वो एक दीर्घकालीन सुखद स्मृति मन मस्तिष्क पर अंकित कर गया, अवसर था, जनजाति विकास मंच द्वारा होलकर विज्ञान महाविद्यालय में आयोजित जनजाति गौरव दिवस का। इस मौके पर संपन्न हुए मंचीय कार्यक्रम व शोभा यात्रा में बडी संख्या में महानगर के जनजाति समाज के लोगों ने भाग लिया, इनमें युवाओं की संख्या काफी थी।
सुबह से ही नगर की अनेक बस्तियों से अपनी पारंपरिक वेशभूषा में छोटे बड़े समूह में पहुंचे जनजातीय लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा था। लोक गीतों पर थिरकते कदम माहौल को उल्लासमय बना रहे थे। आयोजन स्थल पर जनजाति समाज के महापुरुषों के चित्र लगाए गए थे।
कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता एवं भगवान बिरसा मुंडा के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।
इतिहास और आस्था को लेकर फैलाया जा रहा झूठ।
अपने उद्बोधन में मुख्य वक्ता शहीद समरसता मिशन के राष्ट्रीय संयोजक मोहन नारायण गिरी ने कहा कि भारत की धर्म-संस्कृति की रक्षा में जनजाति समाज का अतुलनीय योगदान रहा है।
जनजाति समाज ने सदियों से प्रकृति पर्यावरण के संरक्षण के लिए अपना सर्वस्व समर्पित किया है। उन्होंने कहा कि
जनजाति समाज ने भारत के विभिन्न स्थानों पर लोक-हितैषी शासन को चलाया है। विगत कुछ वर्षों से हमारे इतिहास एवं आस्था को लेकर झूठा विमर्श गढ़ा जा रहा है। समाज को समझदारी से इसे समाप्त करना है।हम भारत के शासक वर्ग से रहे हैं, अतः हमे शोषित बता कर हमें कमजोर बनाने की कुटिल नीति के जाल में फंसना नहीं है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रख्यात शिक्षाविद डॉक्टर सुशील कुमार सोमानी थे। विशेष अतिथि महामण्डलेश्वर 1008 दादू महाराज एवं समाजसेवी टीकम गर्ग थे।
कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए श्रीमती अनिता मास्कुले ने जनजाति विकास मंच की गतिविधियों की जानकारी के साथ भगवान बिरसा मुंडा के जीवन वृतान्त पर प्रकाश डाला।
संचालन डॉक्टर अनुराग पनवेल ने किया। स्वागत आशीष कटारा ने किया, आभार सोनल दरबार ने माना।
होलकर कॉलेज से टंट्या मामा चौराहे तक निकली विशाल शोभायात्रा।
मंचीय कार्यक्रम के बाद सभा स्थल पर उपस्थित जनसमूह विशाल शोभा यात्रा के रूप में भंवरकुंआ चौराहे स्थित जननायक टन्ट्या मामा की प्रतिमा स्थल पर पहुंचा और पुष्पांजलि अर्पित की। मार्ग में विभिन्न समाज के प्रमुख लोगों ने शोभा यात्रा का पुष्प वर्षा के साथ स्वागत किया। शोभायात्रा का समापन पुनः होलकर कॉलेज पहुंचकर हुआ।