प्रदेश के 400 से अधिक नगरीय निकायों में बनेंगे गीता भवन : विजयवर्गीय

  
Last Updated:  December 8, 2024 " 12:06 am"

नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने तैयार की 2875 करोड़ रुपये की योजना।

इंदौर : प्रदेश में धार्मिक ग्रंथों, साहित्य और वैज्ञानिक अनुसंधानों के सुलभ अध्ययन के लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने 413 नगरीय निकायों में गीता भवन बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिये विभाग ने 2 हजार 875 करोड़ रुपये की योजना तैयार की है। यह योजना आगामी 3 वर्षों में पूरी की जाएगी।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि 5 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 5 नगर निगमों में 1500 बैठक क्षमता और 5 लाख से कम जनसंख्या वाले नगर निगमों में एक हजार बैठक क्षमता वाले गीता भवन तैयार किये जाएंगे। प्रदेश की 99 नगरपालिका परिषद और 298 नगर परिषद क्षेत्र में क्रमश: 500 एवं 250 बैठक क्षमता के गीता भवन तैयार किये जाएंगे। उन्होंने बताया कि गीता भवन का निर्माण राज्य शासन द्वारा कराया जाएगा। नगरीय निकाय पीपीपी मोड पर भी गीता भवन का निर्माण कर सकेंगे। नगरीय विकास मंत्री ने बताया कि प्रत्येक गीता भवन में एक पुस्तकालय होगा। इनमें 3 रीडिंग रूम की व्यवस्था होगी। गीता भवन में ई-लायब्रेरी कक्ष और साहित्य सामग्री बिक्री केन्द्र भी प्रस्तावित किया गया है। उन्होंने बताया कि गीता भवन में कैफेटेरिया-स्वल्पाहार गृह की सुविधा भी होगी।

गीता भवन केन्द्रों को आत्म-निर्भर बनाने के होंगे प्रयास।

मंत्री विजयवर्गीय ने बताया कि प्रदेश में बनाए जा रहे गीता भवन केन्द्रों को आत्म-निर्भर बनाने के लिये नगरीय निकाय समुचित स्थान पर उनका व्यावसायिक उपयोग कर सकेंगे। जिन नगरीय निकायों में पूर्व से भवन हैं, उनका विस्तार कर गीता भवन के रूप में उपयोग किया जा सकेगा। नगरीय निकायों में बनाये जाने वाले गीता भवनों में ऑडिटोरियम का भी प्रावधान रखा गया है। इन ऑडिटोरियम में नगरीय निकायों की आबादी के मान से सभागार की बैठक क्षमता निर्धारित रहेगी। गीता भवन में चार पहिया और दो पहिया की सुलभ पॉर्किंग व्यवस्था का भी प्रावधान रखा गया है। गीता भवन का निर्माण ऐसे स्थान पर किया जाएगा, जहाँ नागरिकों की पहुँच आसान हो। मंत्री विजयवर्गीय ने बताया कि नगरीय निकाय ‘सुराज’ योजना की भूमि पर भी गीता भवन बना सकेंगे।

प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में गीता भवन संचालनालय नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा स्वीकृत नक्शे के अनुसार निर्मित किये जाएंगे। डिजाइन इस प्रकार की होगी जिसमें मध्यप्रदेश के विशेष ऑर्किटेक्चर की झलक देखने को मिले।

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