एमपी-सीजी एनसीसी एयर विंग के बेस्ट कैडेट के रूप में टिमरनी के बेटे ऋषिकेश बिल्लौरे का चयन।
🔺कीर्ति राणा इंदौर । 🔺
एनसीसी के हर कैडेट्स का सपना होता है कि वह आरडीसी ( रिपब्लिक डे कैंप ) के लिए चयनित हो। इस सपने को सच कर दिखाया है होलकर कॉलेज के छात्र-टिमरनी के बेटे ऋषिकेश पिता (स्व) पुष्करराज बिल्लौरे ने । वे मध्यप्रदेश- छत्तीसगढ़ एनसीसी एयर विंग के बेस्ट कैडेट के रूप में चुने गए हैं। गणतंत्र दिवस समारोह- 2025 दिल्ली के कर्तव्य पथ पर होने वाली परेड में शामिल होकर वे तिरंगे को सलामी देंगे।
आरडीसी के लिए चयन प्रक्रिया का क्रम अगस्त 2024 से ही शुरू हो गया था। पाँच कैंपों में ऋषिकेश ने परेड परीक्षण, फायरिंग में दक्षता,ऑफिसर्स को इंटरव्यू, ग्रुप डिस्कशन, लिखित परीक्षा की परिणाम सूची में लगातार अपना स्थान बनाए रखा। 7 से 25 दिसम्बर तक मैनिट कॉलेज भोपाल में आयोजित लगातार दो कैम्पों में भी अपना सर्वोच्च प्रदर्शन किया। आखिरकार ऋषिकेश बिल्लौरे, इंदौर का चयन एयर विंग के बेस्ट कैडेट के रूप में किया गया।
भोपाल से आर्यन, जबलपुर से पीयूष का चयन।
इसी तरह आर्मी और नेवी के बेस्ट कैडेट्स आर्यन सेन भोपाल व पीयूष जबलपुर के नामों की भी घोषणा की गई है। डायरेक्टेड के अंतर्गत आने वाले करीब 40 हजार कैडेट्स के बीच हुई प्रतियोगिता के बाद इन तीन बेस्ट कैडेट्स को चुना गया। इसी तरह अलग अलग विधा के दल का चयन किया गया। इन्हें फ्लैग ऑफ सेरेमनी के बाद भोपाल एक्सप्रेस से आरडीसी दिल्ली के लिए रवाना किया गया ।
बिल्लोरे परिवार में गौरव का दूसरा मौका।
ऋषिकेश के चाचा गुरुदेव ने कहा, “इसके पूर्व परिवार में 2011 में गौरव का क्षण आया था, तब आरडीसी के लिए मेरे सबसे बड़े भतीजे भानु पिता राममूर्ति बिल्लौरे का चयन हुआ था। वे इंदौर के खालसा कॉलेज के छात्र थे। एनसीसी का ‘सी’ सर्टिफिकेट हांसिल किया था। दिल्ली आरडीसी से लौटने के बाद डिफेंस का उन पर ऐसा जुनून सवार हुआ कि भानु ने वायुसेना को ज्वाइन किया।
कैसे चढ़ा एयर विंग का जुनून।
भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान…। इस नाम से तो पूरी दुनिया की आर्मी परिचित है। उनके शौर्य ने दुनिया के युवाओं का कितना ध्यान खींचा, यह तो ठीक ठीक पता नहीं, लेकिन भारतीय युवाओं के लिए वे रोल माडल बन गए थे, और अभी भी हैं । स्मरण ही होगा विंग कमांडर अभिनंदन ने पाक के हवाई जहाज ( एफ-16 ) को, मिग- 21 से मार गिराया था और ख़ुद पैराशूट से कूद गए थे। पाकिस्तान की जमीं पर लैंड करने के बाद उनके साथ क्या- क्या हुआ, इससे भी दुनिया परिचित है…..। आखिरकार विंग कमांडर अभिनंदन सकुशल भारत लौटे थे। इस घटना का टीवी और अखबारों में व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार हुआ था। जिसका भारतीय युवाओं के मन मस्तिष्क पर गहरा असर हुआ था। युवाओं ने अभिनंदन की तरह देश सेवा का संकल्प लिया था। वही जज़्बा, जुनून लेकर कुछ युवा अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं। उनमें से एक हैं टिमरनी के बेटे ऋषिकेश बिल्लौरे।
संकल्प पब्लिक स्कूल, टिमरनी में अंग्रेजी माध्यम से केजी-1 से हायर सेकंडरी ( मैथ्स साइंस) तक की पढ़ाई करने वाले ऋषिकेश बिल्लौरे, इन दिनों होल्कर साइंस कॉलेज, इन्दौर तृतीय वर्ष के छात्र हैं। ऋषिकेश ने कॉलेज में एनसीसी ( एयर विंग ) भी ज्वाइन की हुई है। अपने जीवन की पहली उड़ान कैम्प के दौरान 1 एमपी, एयर स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर के साथ की। टेक ऑफ से लेकर लैंड होने तक 26 मिनट हवा में रहे थे ऋषि।