नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 128 वी जयंती पराक्रम दिवस के रूप में मनी।
इंदौर : भारत के इतिहास में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का नाम अमर है। अपनी मातृभूमि के लिए, स्वाधीनता संग्राम के लिए अपना घर – बार छोड़कर आजाद हिंद फौज का गठन किया। नेताजी ने भारतीय समुदाय को स्वाधीनता संग्राम के लिए तैयार किया। उनके पराक्रम से स्वाधीनता आंदोलन को नई दिशा मिली। देश के युवाओं को नेताजी के जज़्बे से सीख लेनी चाहिए और देश के निर्माण में अपना योगदान देना चाहिए। नेताजी की जयंती पराक्रम दिवस के बतौर मनाने का भारत सरकार का निर्णय स्वागत योग्य है। ये बात अ.भा. कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल ने कही। वे नेताजी सुभाष मंच एवं गीता रामेश्वरम् ट्रस्ट द्वारा आयोजित नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 128 वी जयंती पराक्रम दिवस के अवसर पर बोल रहे थे। इस अवसर पर नेताजी सुभाष अलंकरण से 6 विभूतियों को अलंकृत किया गया। मंच के अध्यक्ष मदन परमालिया, ट्रस्ट के अध्यक्ष विनोद सत्यनारायण पटेल ने बताया कि कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनोहर धवन, शहीद वंशज अजीत कुमार जैन मौजूद रहे।
इस दौरान अतिथियों के हाथों 6 विभूतियों को नेताजी सुभाष अलंकरण से विभूषित किया गया इनमें अंगदान में अपना योगदान देने वाले जीतू बगानी, मानव अधिकार परिषद के सलीम शेख, दिव्यांग गोल्ड मेडल गर्ल सपना शर्मा, उत्तराधिकारी सतीश अग्रवाल महू, लाफ्टर किंग रमेश मौर्य एवं मार्शल आर्ट मास्टर सईद आलम को विभिन्न क्षेत्रों में योगदान के लिए शाल, श्रीफल, अभिनंदन पत्र, स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। अलंकृत विभूतियों को मालवी पगड़ी भी पहनाई गई।
इस अवसर पर राष्ट्रीय देशभक्ति गीत गायक कविता यादव द्वारा देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति दी गई।
कार्यक्रम की शुरुआत नेताजी सुभाष की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुई। अतिथियों का स्वागत चेतन चौधरी, गणेश वर्मा, संजय जयंत, नरेन्द्र सूर्यवंशी, जगदीश सतैया, देवीलाल गुर्जर, ओ.पी. वर्मा, उमाशंकर रायकवार, सुधीर सेठिया आदि ने किया। संचालन मदन परमालिया ने किया। आभार जगमोहन सोन ने माना।