प्रदेश के आभूषण विक्रेता और ग्राहकों को मिलेगा सेम डे सर्टिफिकेशन

  
Last Updated:  January 28, 2025 " 12:46 am"

जीएसआई ने इंदौर में सैटेलाइट लैब शुरू की।

इंदौर : संगठित आभूषण खुदरा व्यापार, खुलेपन और विश्वास पर आधारित है। इसलिए स्थायी ग्राहक वफादारी को बढ़ावा देने के लिए सही सर्टिफिकेशन आवश्यक है। तेज़,भरोसेमंद सर्टिफिकेशन सेवाओं की बढ़ती मांग को देखते हुए, जेमोलॉजिकल साइंस इंटरनेशनल (जीएसआई) ने इंदौर में पूरी तरह से आधुनिक सैटेलाइट लैब स्थापित की है। इस नए लैब का उद्देश्य पूरे मध्य प्रदेश में आभूषण विक्रेताओं और ग्राहकों को आभूषण, हीरे और रत्नों के लिए सेम-डे सर्टिफिकेशन सेवाएं प्रदान करना है।

यह सैटेलाइट लैब 1,200 वर्ग फुट में स्थापित है, जो मध्य प्रदेश में आभूषण आपूर्ति श्रृंखला के भीतर तेज गति से, सेम-डे सर्टिफिकेशन की बढ़ती मांग को पूरा करेगी, हालांकि मध्य प्रदेश के अधिकांश उत्कृष्ट आभूषण मुम्बई, सूरत और जयपुर से आते हैं, फिर भी राज्य में हाल ही में आभूषणों के उत्पादन और बिक्री में लगातार वृद्धि देखी गई है। परिणामस्वरूप, अब राज्य के फलते-फूलते आभूषण उद्योग के लिए जीएसआई जैसी विश्व स्तरीय मान्यता प्राप्त लैब की आवश्यकता मजबूती से बढ़ती जा रही है जो आभूषण उद्योग को अपनी समझ, सेवाओं और शैक्षिक कार्यक्रमों के जरिये सहयोग दे सके।

रत्न उपचार और पोल्की आभूषण सर्टिफिकेशन देने के लिए अति आधुनिक तकनीक की शुरुआत करते हुए, इंदौर में जीएसआई लैब प्रीमियम सेवाएँ प्रदान करेगा जो राज्य के जौहरियों के लिए इससे पहले उपलब्ध नहीं थीं। इनमें से कुछ सेवाओं में हीरे की जाँच के लिए एडवांस्ड स्क्रीनिंग उपकरण शामिल हैं, जैसे माइंड्रॉन और जीएसआई की ‘ट्रूश्योर’ सीरीज, जो हर जौहरी के लिए आत्मविश्वास से भरपूर खरीद एवं बिक्री को सक्षम बनाएगी।

इस सैटेलाइट लैब के उद्देश्यों के बारे में बताते हुए, जीएसआई इंडिया के प्रबंध निदेशक रमित कपूर ने कहा, “ग्राहकों के बीच कस्टमाइज़्ड ज्वैलरी की बढ़ती माँग के कारण मध्य प्रदेश में स्थानीय तौर पर मैनुफैक्चरिंग की शुरुआत हुई है। इससे सोर्सिंग के लिए मुम्बई, सूरत और जयपुर पर निर्भरता कम हुई है। जीएसआई के इंदौर लैब द्वारा प्रदान की जाने वाली सेम-डे रत्न-संबंधी सेवाएं अद्वितीय हैं। यह सुविधा ज्वैलर्स के लिए उपभोक्ता का विश्वास सुनिश्चित करती है और बाजार की मांगों को कुशलतापूर्वक पूरा करने में ज्वैलर्स को सक्षम बनाती है। नई तकनीक के साथ मिलकर, हमारी वैश्विक विशेषज्ञता, सर्टिफिकेशन प्रक्रिया को सरल बनाती है, जिससे मध्य प्रदेश की आभूषण कंपनियों के व्यवसाय संचालन के तौर-तरीके में क्रांतिकारी बदलाव आया है।”

जीएसआई मध्य प्रदेश की आभूषण आपूर्ति श्रृंखला के बारे में जागरूकता बढ़ाने के अपने प्रयास के तहत हीरे और रत्नों पर विशेष सेमिनार भी आयोजित करेगा ताकि खुदरा बिक्री टीमों को नई बिक्री तकनीक की जानकारी दी जा सके। इसके अलावा जीएसआई, उपभोक्ताओं की जागरूकता के लिए आयोजित सेमिनार की मेजबानी करेगा। ये सेमिनार निजी उपयोग के लिए आभूषण खरीदने वाले उपभेक्ताओं को पर्याप्त एवं सटीक जानकारी और आभूषण खरीदारी के असाधारण अनुभव प्रदान करेंगे।

जेमोलॉजिकल साइंस इंटरनेशनल (जीएसआई) 21वीं सदी में स्थापित एकमात्र प्रमुख रत्न संबंधी संगठन है। जीएसआई की स्थापना 2005 में न्यूयॉर्क शहर में हुई, जिसकी प्रयोगशालाएं चार महाद्वीपों में फैली हुई हैं। जीएसआई विश्व की सबसे बड़ी रत्न संबंधी संस्थाओं में से एक है। जीएसआई उच्चतम नैतिक मानकों और प्रथाओं के प्रति समर्पण के साथ नई प्रक्रियाओं और प्रोपराइटरी टेक्नोलॉजी का उपयोग करता है और दुनिया भर के निर्माताओं और व्यापारियों को रत्न पहचान और ग्रेडिंग सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। व्यापार में शामिल प्रोफेशनलों और आम जनता के लिए रत्न विज्ञान संबंधी शिक्षा कार्यक्रम प्रदान करने के अलावा, कंपनी रत्न विज्ञान संबंधी अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित है।

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