संस्कृति की अभिव्यक्ति का माध्यम है मातृभाषा

  
Last Updated:  February 23, 2025 " 11:29 pm"

भाषा और संस्कृति हमें आपस में जोड़ती है।

भारतीय भाषा पर्व कार्यक्रम में बोले अतिथि वक्ता।

इंदौर : “भाषा अनेक हैं पर भाव एक है, प्रदेश अनेक हैं पर देश एक है, संस्कृति अनेक हैं पर संस्कार एक है, परिधान एक है।” संस्कृति देश को जोड़ती है। यह हमारे समाज की एकता और अखंडता का प्रतीक है। ये विचार भारतीय भाषा पर्व में मुख्य वक्ता विद्या भारती के मालवा प्रांत के संगठन मंत्री योगेश शर्मा ने व्यक्त किए।

माई मंगेशकर हाल में आयोजित भारतीय भाषा पर्व कार्यक्रम में मुख्य अतिथि इंदौर के संभागायुक्त दीपक सिंह थे। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के अद्भुत आयोजन को मैं पहली बार देख रहा हूँ। भारतीय भाषा अर्थात् मातृभाषा से हमारा भावनात्मक जुड़ाव होता है। मातृभाषा अपनेपन का परिचय देती है। इसी से अपनी और अपने क्षेत्र की पहचान होती है !
बदलते दौर में इसे बचाना भी हमारा काम है। इसका सरंक्षण करना अर्थात् हमारी संस्कृति की जड़ों को बचाना है। हमें अपने साहित्य को डिजिटल करके युवा और बच्चों तक पहुंचाना चाहिए तभी इस विषय की सार्थकता सिद्ध कर पाएंगे !

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संघचालक डॉक्टर मुकेश मोढ ने भारतीय भाषा संवर्धन समिति को बधाई देते हुए कहा कि इंदौर में हम सभी संस्कृति को सजोकर रखने का प्रयास कर रहें हैं।
कार्यक्रम में डॉक्टर हेडगेवार समिति के अध्यक्ष ईश्वर हिंदुजा, अभय सिंह राठौड़, अश्विन खरे सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। विभिन्न भाषा और संस्कृतियों की बानगी कार्यक्रम में आकर्षक प्रस्तुतियों के जरिए दी गई। संस्कृतियों से जुड़े व्यंजनों का भी सभी ने आनंद लिया। अंत में आभार भारतीय भाषा संवर्धन समिति के श्री देशपांडे ने माना।

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