धर्म, पंथ, संप्रदाय से परे थे कबीर : टिपानिया

  
Last Updated:  February 27, 2025 " 03:38 pm"

पद्मश्री प्रहलाद टिपाणिया, पद्मश्री कालूराम बामनिया एवं पद्मश्री भेरूसिंह चौहान का इंदौर प्रेस क्लब ने किया अभिनन्दन।

जिला स्तर पर बनें कबीर अकादमी- पद्मश्री भेरू सिंह चौहान।

मालवा का गौरव मालवी से बढ़ेगा, मालवी को बोलचाल में बनाएं रखे- पद्मश्री कालूराम बामनिया।

इंदौर : पद्मश्री प्रहलाद टिपाणिया, पद्मश्री कालूराम बामनिया एवं पद्मश्री भेरूसिंह चौहान का बुधवार को इंदौर प्रेस क्लब में स्वागत कर अभिनंदन किया गया। अध्यक्ष अरविंद तिवारी, उपाध्यक्ष प्रदीप जोशी, महासचिव हेमंत शर्मा व कोषाध्यक्ष संजय त्रिपाठी ने तीनों पद्मश्री अतिथियों का अभिनन्दन किया।

इस अवसर पर मीडिया से चर्चा में पद्मश्री भेरू सिंह चौहान ने भावुक होते हुए बताया कि ‘मेरी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, तब कबीर गायन ने मेरा साथ दिया। अब प्रत्येक जिले में कबीर शिक्षण के लिए अकादमी होनी चाहिए। मुझे जो सम्मान ml है वह मालवा का सम्मान है।’

पद्मश्री कालूराम बामनिया ने कहा कि ‘मालवा की पहचान मालवी से है।जब हम आम बोलचाल में मालवी को अपनाएंगे तो मालवी के साथ मालवा भी समृद्ध होगा। उन्होंने कबीर को जीवन मे उतारने पर जोर दिया।’

पद्मश्री प्रह्लाद टिपानिया ने कहा कि ‘कबीर साहब धर्म, पंथ, वाद से परे रहें, उन्हें मठ-मंदिर में बाँधा नहीं जा सकता। कबीर की लोकप्रियता कबीर की शिक्षाओं के कारण बड़ी है, आडम्बर से नहीं। मैं विदेशों में भी यात्रा करता हूँ तो लोग वहाँ कबीर समझते हैं हम भारतीयों को भी कबीर को अपनाना चाहिए।’

राजनीति में आगमन से जुड़े सवाल पर तीनों ने एक सूत्र में कहा कि अब राजनीति से वे कोसों दूर हैं। टिपानिया ने यह भी कहा कि वे सेवा करने के उद्देश्य से राजनीति में गए थे पर ऐसा लगा कि वह सही जगह नहीं, तो लौट आया।’

तीनों ने कबीर गायकी का एक-एक पद गाकर सुनाया।
इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार कीर्ति राणा, नवीन जैन, मुकेश तिवारी, डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’, महेश मिश्रा, हर्षवर्धन, राजेन्द्र कोपरगांवकर, राजू पँवार, सुधाकर मिश्रा, लक्ष्मीकांत पण्डित, राजेन्द्र गुप्ता, हरेराम वाजपेयी, डॉ. सुरेश पटेल, छोटेलाल भारती, लखन सिंह आदि मौजूद रहे।

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