सैम्पल टेस्टिंग में कमीं के बावजूद 10 फीसदी तक पहुंची कोरोना संक्रमण दर, पेंडिंग मामले बढ़े…!

  
Last Updated:  July 30, 2020 " 03:46 am"

इंदौर : बीते दो- तीन दिनों से सैम्पलिंग और टेस्टिंग में आई कमीं हैरत में डालने वाली है। आम तौर पर जितनी टेस्टिंग की जाती थी, उतनी भी फिलहाल नहीं हो रही है। टेस्टिंग कम करके कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को कमतर दिखाने की इस कोशिश से प्रशासन क्या हासिल करना चाहता है समझ से परे है। कम टेस्टिंग से पेंडिंग सैम्पलों की तादाद भी एक बार फिर बढ़ने लगी है, वहीं कोरोना संक्रमण की वास्तविक स्थिति भी उजागर नहीं हो पा रही है।

10 फीसदी तक पहुंच गई संक्रमण की ग्रोथ रेट…!

बुधवार 29 जुलाई के जो आंकड़े सीएमएचओ कार्यालय ने जारी किए हैं, उनपर नजर डाली जाए तो संक्रमित मामले सौ से कम दिखाई दे रहे हैं पर टेस्टिंग के अनुपात में देखा जाए तो करीब 10 फीसदी सैम्पल संक्रमित पाए गए हैं। याने बीते दिनों की तुलना में संक्रमण बढा है। बुधवार को कुल 1665 सैम्पल जांच के लिए भेजे गए पर उनमें से केवल 889 सैम्पलों की ही जांच हो पाई। इनमें से 776 निगेटिव पाए गए जबकि 84 पॉजिटिव निकले। इनका औसत करीब 10 फीसदी बैठता है। इसके मायने ये की यदि भेजे गए सभी सैम्पलों की टेस्टिंग की जातीं तो औसत 10 फीसदी के हिसाब से 150 से 165 सैम्पल संक्रमित पाए जाते जो संक्रमण के लगातार बढ़ने का संकेत है। जो 774 सैम्पल पेंडिंग रह गए उनकी जांच कब होगी और ये पेंडेंसी बढ़कर पुनः हजारों में नहीं पहुंचेगी इसकी क्या ग्यारंटी है। पहले भी (इसी माह में) पेंडिंग सैम्पलों की तादाद 5 हजार से ज्यादा हो चुकी है। उनमें से कितनों की टेस्टिंग हुई और कितने पेंडिंग रहे, इसका भी खुलासा प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने नहीं किया है।
बहरहाल, बुधवार को टेस्ट किए सैम्पल मिलाकर अब तक 134644 सैम्पलों की टेस्टिंग हो चुकी है। इनमें से 7216 कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। बुधवार को 16 सैम्पल रिपीट पॉजिटिव मिले जबकि 13 जांच योग्य नहीं होने से खारिज किए गए।

2 मरीजों की मौत की पुष्टि।

बुधवार को स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना से 2 मरीजों की मौत होने की पुष्टि की। इन्हें मिलाकर अब तक 310 मरीजों की मौत कोरोना संक्रमण से हो चुकी है।

184 मरीजों को दी गई छुट्टी।

बुधवार को 184 मरीज कोविड अस्पतालों से डिस्चार्ज किए गए। इन्हें मिलाकर आज दिनांक तक कुल 4992 मरीज कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। 1914 मरीजों का इलाज फिलहाल चल रहा है।

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