एमवाय अस्पताल में एक करोड़ रुपए की लागत से 10 नई अत्याधुनिक डायलिसिस मशीनें स्थापित

  
Last Updated:  March 12, 2025 " 04:30 pm"

चिकित्सालय की पाँचवीं मंजिल पर किया गया नई डायलिसिस यूनिट का लोकार्पण।

चिकित्सालय में अब हुई कुल 18 आधुनिक डायलिसिस मशीनें।

इंदौर : महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय इन्दौर की पाँचवीं मंजिल पर एक करोड़ की लागत से स्थापित 10 नई डायलिसिस मशोनों और विस्तारित डायलिसिस यूनिट का लोकार्पण किया गया। रोटरी क्लब बैंगलोर इंदिरा नगर एवं पंजाब नेशनल बैंक हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के सहयोग से प्राप्त 10 नई उन्नत तकनीक वाली हीमोडायलिसिस मशीनें यहां लगाई गई हैं। इसी के साथ डायलिसिस यूनिट को विस्तारित भी किया गया है। पूर्व में स्थापित 8 डायलिसिस मशीनें सहित अस्पताल में अब कुल 18 डायलिसिस मशीनें हो गई हैं। इससे किडनी के मरीजों को और बेहतर व सुलभ उपचार मिल सकेगा। वर्तमान में एम. वाय. चिकित्सालय इंदौर में किडनी की गंभीर बीमारी एवं अन्य रोगों से ग्रसित लगभग 450 मरीजों का प्रति माह हीमोडायलिसिस किया जाता है।
डायलिसिस मशीनें और विस्तारित यूनिट के लोकार्पण कार्यक्रम में मुख्य अधिष्ठाता महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज एवं कार्यपालन अधिकारी प्रो. डॉ. अरविंद घनघोरिया, रोटरी क्लब इंदिरा नगर बैंगलोर की अध्यक्ष श्रीमती सुप्रिया कंधारी, महाराजा यशवंत राव चिकित्सालय के संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक प्रो. डॉ. अशोक यादव, रीजनल बिजनेस हेड पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड पंकज श्रीवास्तव सीनियर नेफ्रोलॉजिस्ट न्यूयॉर्क यूएसए डॉ. निलय नाहर, भारतीय विद्या भवन इंदौर ‍के चेयरमैन डॉ. जितेंद्र वर्मा, डायलिसिस यूनिट एम. वाय. चिकित्सालय के उप अधीक्षक एवं नोडल अधिकारी डॉ. योगेन्द्र झामरा उपस्थित थे।
बता दें कि महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय के वार्ड 29 को पूर्ण रूप से नवीन डायलिसिस मशीनों हेतु सुसज्जित कर आधुनिक रूप दिया गया है। यहां ऐसे मरीज, जो रक्त जनित रोगों से ग्रसित है, उनके भी डायलिसिस किए जाएंगे। पूर्व में डायलिसिस की प्रक्रिया में प्रति मरीज ज्यादा समय लगता था, लेकिन इन आधुनिक मशीनों से काफी कम समय में मरीजों की डायलिसिस हो जाएगी, जिससे मरीजों का समय भी बचेगा। किडनी के सहीं तरीके से काम नहीं करने पर मरीजों के लिए डायलिसिस अनिवार्य होती है। अस्पताल में बड़ी संख्या में किडनी के मरीज उपचार के लिए आते हैं।मरीजों की बीमारी की गंभीरता के अनुसार मशीनों को पृथक किया गया है, आयुष्मान मरीजों को पूर्णतः मुफ्त में इलाज दिया जाता है। अन्य मरीजों से 263 रुपये की रसीद ली जाती है। डायलिसिस के दौरान लगने वाली सामग्री और दवाइयां पूरी तरह मुफ्त में उपलब्ध करवाई जाती है। नवीन हिमोडायलिसिस यूनिट का उद्देश्य गंभीर गुर्दे की बीमारियों से पीड़ित मरीजों को आधुनिक तकनीक के साथ उन्नत डायलिसिस सेवाएं प्रदान करना है। इस यूनिट का लक्ष्य डायलिसिस के लिए आवश्यक समय को कम करना है, जिससे अधिक मरीजों को डायलिसिस की सेवाएँ मिल सकें। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने कहा कि उनका सर्व प्रथम लक्ष्य मरीजों की सेवा करना है, इसके लिए मेडिकल कॉलेज एवं एम. वाय. अस्पताल कटिबद्ध है। गरीबों को सस्ता और अच्छा इलाज मिले इसके लिए वह सदैव प्रयास करते रहेंगे।

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