स्व. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर भाजपाइयों ने अर्पित किए श्रद्धासुमन

  
Last Updated:  June 23, 2021 " 09:20 pm"

इंदौर : बुधवार 23 जून को भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं ने विजयनगर चौराहा स्थित डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा पर कोरोना गाइड-लाइन का पालन करते हुए माल्यार्पण कर उनकी 68 वीं पुण्यतिथि बलिदान दिवस के रूप में मनाई। इसी के साथ नगर के सभी बूथों पर कार्यकर्ताओं ने डॉ. मुखर्जी के चित्र पर माल्यार्पण किया।इस मौके पर उनके जीवन से जुड़े संस्मरण भी सुनाए गए।
इस मौके पर कोरोना महामारी की चपेट में आकर अपनी जान गंवाने वाले सभी दिवंगत शहरवासियों को भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं ने 2 मिनट का मौन रखकर, श्रद्धांजलि अर्पित की।

श्यामाप्रसाद मुखर्जी जैसे राष्ट्रसेवक बिरले ही होते हैं।

इस अवसर पर वरिष्ठ नेता, पूर्व सांसद कृष्णमुरारी मोघे ने कहा कि डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी अद्भुत प्रतिभा के धनी थे। उनके जैसे राष्ट्र सेवक होना संभव नहीं है। देश को आजादी दिलाने में अलग-अलग विचारधारा के लोगों ने एक साथ खड़े होकर आंदोलन चलाया। डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी उस समय हिन्दू महासभा के अध्यक्ष थे, जब उन्होंने विभाजन होने वाले भारत के नक्शे को देखा तो लोगों को साथ लेकर बंग बचाओं आंदोलन शुरू किया। परिणाम स्वरूप बंगाल और पंजाब को पाकिस्तान में जाने से बचाया। जब महात्मा गांधी ने डॉ. मुखर्जी की नेतृत्व क्षमता को देखा तो उन्होंने नेहरूजी से कहा कि इन्हें मंत्रिमंडल में स्थान दिया जाना चाहिए तत्पश्चात डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी नेहरूजी की कैबिनेट में मंत्री बने, लेकिन नेहरूजी की तुष्टीकरण की नीति के कारण डॉ. मुखर्जी ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिर्फ देश के लिए जिए और देश को बचाने, उसकी रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। डॉ. मुखर्जी के साथ उस समय के हमारे शीर्ष नेतृत्व ने भारतीय जनसंघ की स्थापना की, और आज वही जनसंघ विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भारतीय जनता पार्टी के रूप में कार्य कर रहा है। इसके पीछे हमारी अखंड विचारधारा है।

नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने डॉ मुखर्जी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि तत्कालीन सरकार की गलती से कश्मीर में विघटनकारी शक्तियों ने जन्म लिया एवं आधा कश्मीर पड़ोसी देश को चला गया। डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी का कश्मीर के लिए किया गया संघर्ष किसी से छुपा नहीं है। उन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर कश्मीर को बचाने का प्रयास किया। देश की एकता और अखण्डता के लिए सबसे पहला बलिदान डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने दिया।

रणदिवे ने कहा कि प्रदेश संगठन के निर्देशानुसार आज से सभी बूथों पर वृहद पौधारोपण एवं स्वच्छता अभियान का शुभारंभ हुआ। प्रत्येक बूथ पर 11 पौधे लगाए जा रहे है, इन पौधों को बड़ा होने तक की जिम्मेदारी भी कार्यकर्ताओं द्वारा निभाई जाएगी। स्वच्छता अभियान के तहत छोटे तालाबों व अन्य जल के स्त्रोतों में सफाई की जाएगी ताकि जलाशयों का जल निर्मल बना रहे। ये अभियान बलिदान दिवस से प्रारंभ होकर डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी की जन्मजयंती 6 जुलाई तक पूरे पखवाड़े निरंतर चलाया जाएगा।

इस मौके पर विधायक रमेश मेंदोला, प्रदेश उपाध्यक्ष जीतू जिराती, विधायक महेंद्र हार्डिया, आकाश विजयवर्गीय, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता, वरिष्ठ नेता मधु वर्मा, गणेश गोयल, घनश्याम शेर, अभिषेक बबलू शर्मा, हरप्रीतसिंह बक्षी, नानूराम कुमावत, अजयसिंह नरूका, विजय मालानी, अश्विनी शुक्ला, मुन्नालाल यादव, ज्योति तोमर, सविता अखंड, कंचन गिदवानी, सविता पटेल, गायत्री गोगड़े, सरोज चौहान, तमन्ना कैरो, सतपालसिंह खालसा, मनोज पाल, पिंटू चौधरी, श्रीकांत दुबे सहित अन्य नेताओं व कार्यकर्ताओं ने भी कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए स्व.मुखर्जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर, श्रद्धा, सुमन अर्पित किए।

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