डॉ. एनएन जैन नेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिता के समापन समारोह में बोले सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस माहेश्वरी।
इंदौर : प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च (PIMR) के डिपार्टमेंट ऑफ लॉ में आयोजित तीन दिवसीय डॉ. एन.एन. जैन नेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिता का समापन शुक्रवार को उत्साहपूर्ण माहौल में हुआ। सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस जी.के. माहेश्वरी ने समापन समारोह में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा, “रीडिंग, राइटिंग, डिस्कशन, थिंकिंग और निरंतर प्रयास एक लॉ स्टूडेंट का मूल मंत्र होना चाहिए। सपने देखें और उन्हें पूरा करने के लिए हर सांस समर्पित करें।” उन्होंने अपनी साधारण पृष्ठभूमि से सुप्रीम कोर्ट जज तक की यात्रा का उदाहरण देकर विद्यार्थियों को मेहनत करने के लिए प्रेरित किया।
अच्छा इंसान बनें।
जस्टिस माहेश्वरी ने एक अच्छे वकील के गुण बताते हुए कहा, “सम्मान से गर्वित न हों, अपमान से क्रोधित न हों और कठोर शब्दों से बचें। अच्छा जज, वकील या शिक्षक बनने से पहले अच्छा इंसान बनें।” हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस शांतनु केमकर ने विजेताओं को बधाई दी और निरंतर प्रयास पर जोर दिया।
इंडियन वेजिटेबल ऑयल प्रोड्यूसर एसोसिएशन की वाइस प्रेसिडेंट डॉ. भावना शाह ने कम्युनिकेशन स्किल्स की महत्ता बताई, जबकि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अजय बागड़िया ने भाषा और प्रस्तुति को वकील की पहचान बताया।
एआई से डरें नहीं, उसका लाभ उठाएं।
प्रेस्टीज एजुकेशन फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ. डेविश जैन ने मूट कोर्ट की समसामयिक थीम, खासकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर जोर देते हुए कहा, “AI से डरने की नहीं, बल्कि इससे लाभ उठाने की जरूरत है।” सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता आदित्य सांघी ने भी विद्यार्थियों को संबोधित किया।
डिपार्टमेंट ऑफ लॉ के डायरेक्टर डॉ. निशांत जोशी ने बताया कि प्रतियोगिता में नोएडा की बेनेट यूनिवर्सिटी विजेता रही, जबकि भुवनेश्वर के किट कॉलेज ने दूसरा स्थान हासिल किया। भोपाल की जागरण यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों को बेस्ट स्पीकर और बेस्ट रिसर्चर का अवार्ड मिला वहीं बेस्ट मेमोरियल का पुरस्कार भी बेनेट यूनिवर्सिटी को मिला।