ट्रांस और क्वीर समुदाय को भी मिले सम्मान, सुरक्षा व संरक्षण

  
Last Updated:  June 27, 2025 " 08:05 pm"

तपिश फाउंडेशन के पहचान : हमारे होने का त्योहार कार्यक्रम में बोले अतिथि वक्ता।

इंदौर में तपिश फाउंडेशन द्वारा किया गया प्राइड मंथ सेलिब्रेशन।

इंदौर : तपिश फाउंडेशन द्वारा प्राइड मंथ के उपलक्ष्य में एक विशेष कार्यक्रम “पहचान: हमारे होने का त्योहार” का आयोजन इंदौर प्रेस क्लब में किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य ट्रांस और LGBTQIA+ समुदाय की पहचान, सम्मान और गरिमा को बढ़ावा देना था। इस दौरान संबंधित समुदाय को समाज में सम्मान दिलाने, उन्हें कानूनी संरक्षण प्रदान करने और उनके प्रतिभा कौशल को बढ़ावा देकर आत्मविश्वास का भाव जगाने पर जोर दिया गया। कार्यक्रम में ट्रांस और LGBTQIA+ समुदाय के लोगों ने डांस और फैशन शो के जरिए अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित किया।

तपिश फाउंडेशन के डायरेक्टर निकुंज जैन ने बताया कि भारत में ट्रांस और LGBTQIA+ समुदाय का इतिहास बहुत पुराना है, लेकिन अंग्रेज़ी हुकूमत के बाद उनके अस्तित्व को नकारा जाने लगा। समाज में आज भी रूढ़िवादी सोच के चलते कई ट्रांस और क्वीयर व्यक्ति अपने ही घर-परिवार से नकारे जाते हैं। तपिश फाउंडेशन ऐसे ही बहिष्कृत लोगों के साथ मिलकर काम करता है, जो समाज में अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि, आज ‘Transgender Persons (Protection of Rights) Act, 2019’ जैसे कानून हैं जो उन्हें कानूनी मान्यता देते हैं और उनके साथ भेदभाव करने पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान करते हैं।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राम वट्टी (थाना प्रभारी, आजाद नगर, इंदौर) ने कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए कहा कि ट्रांस व्यक्तियों के संरक्षण के लिए पुलिस प्रोटेक्शन सेल बनाया गया है। यदि किसी ट्रांस व्यक्ति के साथ अत्याचार होता है, तो वह इस सीलन अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। अब तक जिले में 20 से अधिक मामलों में हस्तक्षेप कर ट्रांस व्यक्तियों को संरक्षण प्रदान किया गया है।

कार्यक्रम में इंदौर के प्रसिद्ध सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर रणजीत भैय्या, नेहा शर्मा और सुनी गुप्ता भी बतौर विशेष अतिथि शामिल हुए। उन्होंने कहा कि: हमें इंदौर जैसे शहरों में LGBTQIA+ समुदाय के अधिकारों और गरिमा को लेकर जागरूकता फैलानी चाहिए ताकि सभी को बराबरी का हक और सम्मान का जीवन मिले।

कार्यक्रम में तपिश फाउंडेशन द्वारा संचालित “मेरा कुनबा” शेल्टर होम की जानकारी भी दी गई, जहाँ ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को निशुल्क आवास,भोजन, काउंसलिंग और सुरक्षा प्रदान की जाती है। इस पहल का उद्देश्य उन लोगों को सहायता देना है जो अपने परिवार से अस्वीकार किए गए हैं।

फाउंडेशन की मैनेजर संध्या घावरी ने बताया कि हमारी संस्था सरकार, पुलिस प्रशासन और अन्य विभागों के साथ मिलकर ट्रांस और क्वीर समुदाय के लिए अधिकार, शिक्षा, स्वास्थ्य और सम्मान सुनिश्चित करने की दिशा में लगातार काम कर रही है। हमारा लक्ष्य एक ऐसा समाज बनाना है जहाँ हर व्यक्ति को उसकी पहचान के साथ जीने की आज़ादी मिले।”

कार्यक्रम में TAPISH की टीम द्वारा एक ट्रांस युवा की माँ और पिताजी को भावनात्मक सन्देश भी भेंट किया गया, जिसमें लिखा था: “आपका बच्चा जैसा है, वैसा ही सुंदर है।उसका आत्मविश्वास और मुस्कान तभी सच्चे होंगे, जब आप उसे उसी रूप में अपनाएँ जैसे वह हैं।”

कार्यक्रम में रैम्प वॉक, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और LGBTQIA+ विषयों पर क्विज राउंड आयोजित किया गया, जिसमें समुदाय के 100 से अधिक सदस्यों ने भागीदारी जताकर ये साबित किया कि वे प्रतिभा के मामले में किसी से कम नहीं हैं।

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