वीरांगना रानी दुर्गावती के 462वें बलिदान दिवस पर जनजाति विकास मंच इंदौर द्वारा हुआ भव्य आयोजन।
इंदौर : जनजातीय गौरव और शौर्य की प्रतीक वीरांगना रानी दुर्गावती के 462वें बलिदान दिवस के अवसर पर जनजाति विकास मंच इंदौर द्वारा भव्य कार्यक्रम का आयोजन रविवार को माई मंगेशकर सभागृह इंदौर में किया गया।
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता श्रीमती मनीषा धुर्वे थीं, जो एक प्रसिद्ध महिला उद्यमी हैं। भारत सरकार द्वारा उन्हें राष्ट्रीय जनजाति गौरव सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने अपने विचार रखते हुए कहा कि मातृभूमि और आत्मसम्मान की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वाली रानी मां ने इस्लामिक मुगल आक्रांता तथाकथित अकबर महान के अहंकार को रौंद कर रख दिया था। यही कारण है कि कालिंजर के राजा कीरत सिंह की पुत्री और गोंड राजा दलपत शाह की पत्नी रानी दुर्गावती का नाम इतिहास के पन्नों में महानतम वीरांगनाओं की अग्रिम पंक्ति में दर्ज किया जाता है।
आवश्यक है कि वर्तमान पीढ़ी को रानी मां के स्वर्णिम इतिहास से परिचित कराया जाए और उनके संघर्ष से जुड़े स्थानों को प्रचारित और विकसित किया जाए।
विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रतलाम की सांसद श्रीमती अनिता नागरसिंह चौहान ने कहा कि आजकल बच्चे मोबाइल का बहुत उपयोग करते हैं, जिस से उनके स्वास्थ्य और व्यवहार पर नकारात्मक असर पड़ता है। उन्होंने समाज में व्याप्त नशा और धर्मान्तरण जैसे मुद्दों पर भी अपनी बात रखी और उनकी रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाने पर जोर दिया।
पंधाना की विधायक श्रीमती छाया मोरे भी कार्यक्रम में मौजूद रहीं।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाओं की सहभागिता एवं उपस्थिति रही। जनजाति समाज के लिए कार्यरत तीन समाज सेवियों को इस अवसर पर लोक सेवा प्रतीक सम्मान से नवाजा गया। इनमें सोहनलाल परमार, सुनीता दीक्षित दीदी और रवि भाटिया शामिल थे। इसी के
साथ दो ऐसी जनजाति बहनों को भी सम्मानित किया गया जिन्होंने अपने बल बुते पार अपना व्यवसाय खड़ा किया। श्रीमती रीना उइके जिनका निहारिका स्क्रैप भंडार हैं और दूसरी हैं श्रीमती धनीबाई दोदावा, जिनका रेडीमेड कपड़ों की सिलाई का व्यवसाय है।