इंदौर : बीते वर्ष के आखरी दिन याने मंगलवार 31दिसंबर की शाम पातालपानी स्थित अपने निजी फार्म हाउस पर हादसे का शिकार हुए पुनीत अग्रवाल और उनके परिवार से जुड़े 5 लोगों के शवों का बुधवार को बेहद गमगीन भरे माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया गया। कारोबारी पुनीत अग्रवाल और दो वर्षीय पोते नव का अंतिम संस्कार महू में जबकि बेटी पलक और दामाद पलकेश का अंतिम संस्कार इंदौर के रीजनल पार्क मुक्तिधाम में किया गया। दो अन्य रिश्तेदार गौरव शर्मा और उनके पुत्र आर्यवीर के शव उनके घर ले जाए गए। इसके पूर्व मृतकों के शवों का रात में ही पोस्टमार्टम कर सुबह शव परिजनों को सौंप दिए गए थे।
शोक स्वरूप बन्द रहा महू।
स्व. पुनीत अग्रवाल महू में माल रोड पर निवास करते थे। यहीं रहते हुए उन्होंने सफलता की सीढ़ियां चढ़ते हुए अपने कारोबार को विस्तार दिया। समाजसेवा में भी वे हमेशा आगे रहते थे। यही कारण है कि उनके और उनके परिवार के साथ हुए हादसे से महू निवासी हर शख्स सिहर उठा। बुधवार सुबह जब पुनीत अग्रवाल और उनके पोते नव की शवयात्रा निकली तो हजारों लोग उसमें शामिल हुए। सभी के चेहरे गमगीन और आंखें भीगी हुई थी। अग्रवाल परिवार के साथ हुए इस हादसे से हर कोई द्रवित था। महू के बाजार भी शोक स्वरूप बंद रखे गए। इधर इंदौर की डीबी सिटी कॉलोनी में भी मातम पसरा हुआ था। हादसे में मृत पलक और पलकेश की शवयात्रा यहां से दोपहर में निकलकर रीजनल पार्क मुक्तिधाम पहुंची।
पत्नी और पुत्र की बची जान।
बताया जाता है कि कारोबारी पुनीत अग्रवाल न्यू ईयर सेलिब्रेशन के लिए इंदौर ही आनेवाले थे लेकिन बेटी पलक व दामाद पलकेश के महू पहुंचने पर उन्होंने प्लान बदला। परिवार सहित वे पातालपानी स्थित अपने निजी फार्म हाउस चले गए और ये हादसा हो गया। स्व. पुनीत की पत्नी और पुत्र ट्रॉली लिफ्ट के ओवरलोड होने से उसमें नहीं चढ़े। उन्होंने बाद में जाना तय किया। इसबीच नीचे आते समय लिफ्ट पलट गई और उसमें सवार परिवार के सात सदस्य उनकी आंखों के सामने 60-70 फुट ऊंचाई से नीचे आ गिरे। पत्नी- पुत्र दोनों ये भयावह दृश्य देखकर बदहवास हो गए थे। उनकी चीख पुकार सुनकर लोग दौड़े और लिफ्ट से गिरे लोगों को उठाकर अस्पताल ले गए। हालांकि 3 की मौत पहले ही हो गई थी जबकि शेष तीन ने अस्पताल में दम तोड़ा। गंभीर घायल निधि नामक महिला का इलाज चल रहा है।