नगर निगम और आईडीए के संरक्षण में नाले की जमीन पर किया जा रहा अवैध निर्माण..?

  
Last Updated:  January 30, 2020 " 03:43 pm"

इंदौर : शहर के विकास में अहम भूमिका निभाने वाले इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) पर नाले की जमीन व्यावसायिक उपयोग (दुकानों) हेतु आवंटित किए जाने का गंभीर आरोप लगा है। स्कीम नम्बर 74सी के रहवासियों ने यह आरोप लगाया है। गुरुवार को पत्रकार वार्ता के जरिये रहवासी संघ के सुभाष सिंह तोमर और अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि उनके क्षेत्र से बहने वाले प्राकृतिक नाले को बंद कर दुकानों के निर्माण हेतु जमीन का आवंटन कर दिया गया है। कुल 24 दुकानों का निर्माण वहां नियम विरुद्ध किया जा रहा है। इनमें से 10 दुकानें बन चुकी हैं।

बरसाती पानी घुसेगा घरों में ।

रहवासी संघ का कहना है कि 23 फ़ीट चौड़ा और 9 फीट गहरा ये नाला स्कीम नम्बर 74 व 54 के लिए स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम का काम करता था। ये नाला आगे जाकर सरस्वती नदी में मिल जाता है। आवासीय क्षेत्र में नाले की जमीन पर नियम विरुद्ध व्यावसायिक निर्माण से बरसात का पानी उनके घरों में घुसने का खतरा पैदा हो गया है।
रहवासी संघ के मुताबिक उन्होंने इस बात की शिकायत नगर निगम, आईडीए और टी एंड सीपी से की थी पर अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। जबकि आईडीए द्वारा ही सूचना के अधिकार के तहत उपलब्ध कराए गए नक्शे में नाले को साफ तौर पर दर्शाया गया है।
इसके बाद उन्होंने ईओडब्ल्यू को शिकायत की। इसके अलावा सत्र न्यायालय में वाद भी प्रस्तुत किया जो विचाराधीन है।

हाईकोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या की।

रहवासी संघ का कहना है कि नगर निगम ने नाले की जमीन पर किये जा रहे निर्माण को अवैधानिक बताते हुए उन्हें तोड़ने का नोटिस दिया था। उसके खिलाफ दुकान निर्माताओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उस दौरान नगर निगम ने हाईकोर्ट में दिए जवाब में कहा था कि संबन्धित नाले की भूमि पर किसी भी प्रकार के विकास की अनुमति उसके द्वारा नहीं दी गई है। हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए नगर निगम को स्थापित नियमों के तहत कंपाउंडिंग के आवेदन पर निर्णय लेने को कहा था पर निगम ने हाईकोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या कर आवेदक गणों के आवेदन पर कंपाउंडिंग प्रक्रिया शुरू कर दी। इसे तुरंत रोका जाना चाहिए।

एनजीटी के आदेश का उल्लंघन।

रहवासियों के मुताबिक एनजीटी के स्पष्ट आदेश हैं कि नाले जैसी कुदरती संरचना की जमीन पर कोई निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता। बावजूद इसके नाले पर दुकानों का निर्माण करके पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के साथ एनजीटी के आदेश की भी अवहेलना की जा रही है। नगर- निगम व आईडीए की मिलीभगत से निर्माण हो रहा है।

तुरंत रुकवाए निर्माण कार्य।

रहवासी संघ का कहना है कि सीएम एक ओर भू माफिया के खिलाफ मुहिम चला रहे हैं वहीं दूसरी ओर उन्हीं की सरकार की एजेंसियां नाले की जमीन पर अवैध निर्माण को प्रश्रय दे रहीं हैं। उन्होंने सीएम कमलनाथ को भी शिकायत प्रेषित कर इस मामले में हस्तक्षेप करने और नाले की जमीन पर किये जा रहे नियम विरुद्ध निर्माण को रुकवाने का आग्रह किया है। रहवासी संघ ने उनकी सुनवाई नहीं होने पर गांधीवादी तरीके से आंदोलन की भी चेतावनी दी है।

Facebook Comments

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *