BHOPAL UJJAIN.. PASSENGER TRAIN BLAST SPECIAL….

  
Last Updated:  March 20, 2017 " 07:08 am"

NGO सत्य सन्देश फाउंडेशन का हाथ भी?

नाम ही मात्र सत्य सन्देश…चलाने वाले का नाम एहसान….
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भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में कराए गए धमाके की जांच का सिरा कानपुर में सक्रिय ‘सत्य संदेश फाउंडेशन’ नाम के एक गैर-सरकारी संगठन से जुड़ता हुआ दिख रहा है। यह NGO इस्लाम से जुड़ी धार्मिक शिक्षा के प्रचार-प्रसार से जुड़े होने का दावा करती है। राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) इस मामले की जांच के क्रम में इस NGO के अलावा कथित तौर पर IS के लिए काम कर रहे एहसान तक भी पहुंची है। एहसान शिया समुदाय से ताल्लुक रखता है और अगर उसपर लगा आरोप सही साबित होता है, तो शायद वह पहला ऐसा शिया होगा जो IS जैसे कट्टरपंथी सुन्नी विचारधारा वाले आतंकवादी संगठन से जुड़ा है।
Mns news@aaashu
NIA अब इस जांच के सिलसिले में कानपुर रेल हादसे के तारों को भी खंगाल रही है। इस बात की भी जांच की जा रही है कि 20 नवंबर 2016 को कानपुर में हुए रेल हादसे की जगह पर सत्य संदेश फाउंडेशन (SSF) के लोग किस तरह इतनी जल्दी पहुंच पाए। 7 मार्च को हुए ट्रेन धमाके की जांच कर रही NIA को जुलाई 2016 में एहसान के एक बैठक में शामिल होने की जानकारी मिली है। यह बैठक जिस जगह पर हुई, वह प्लॉट कानपुर-लखनऊ मॉड्यूल के आमिर आतिफ मुजफ्फर का है। आमिर के पिता SSF से जुड़े हुए हैं। एहसान का इस तरह IS के साथ जुड़ना और उसके लिए काम करना हैरानी का विषय है। पश्चिमी एशिया में शिया समुदाय IS के कट्टर विरोधियों में माना जाता है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि IS शियाओं को गैर-इस्लामिक मानता है। यही कारण है कि IS के अत्याचारों का शिकार होने वालों में शियाओं की संख्या बहुत ज्यादा है।

जांच में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि SSF यूं तो आधिकारिक तौर पर कुरान की शिक्षाओं के प्रचार-प्रसार का दावा करता है, लेकिन असल में वह धर्मांतरण में शामिल है। अधिकारी ने बताया कि SSF के कारण ही कुछ हिंदुओं द्वारा अपना धर्म परिवर्तन किए जाने की बात सामने आई है। NIA को सबसे ज्यादा हैरत इस बात से हुई है कि SSF के कार्यकर्ता पिछले साल कानपुर में पटरी से उतरी पटना-इंदौर एक्सप्रेस के दुर्घटनास्थल पर बड़ी आसानी से पहुंच गए। एक अधिकारी ने बताया, ‘हम इस बात का पता लगा रहे हैं कि उन्हें इस हादसे की जानकारी इतनी जल्दी कैसे मिल गई।’ NIA को यह जानकारी भी मिली है कि IS से प्रभावित इस आतंकवादी मॉड्यूल ने ट्रेन को पटरी से उतारने के तरीकों पर काफी काम किया है। जांच एजेंसी को शक है कि भारतीय वायुसेना का एक पूर्व अधिकारी जीएम साहब भी इस संगठन के साथ जुड़ा हुआ है। NIA को शक है कि साहब ISI का जासूस है और वही इन आतंकियों को ट्रेन हादसा को अंजाम देने का प्रशिक्षण दे रहा था।
एक ओर जहां NIA अब कानपुर रेल हादसे के पीछे इस आतंकवादी संगठन का हाथ होने की संभावनाओं को खंगालने में जुटा है, वहीं दूसरी ओर बिहार में एक रेल पटरी को उड़ाने की नाकाम साजिश में कथित तौर पर शामिल एक आरोपी को भी गिरफ्तार किया गया है। मोतीलाल पासवान नाम के इस शख्स ने बिहार पुलिस को दिए गए अपने शुरुआती बयान में दावा किया था कि कानपुर में भी उसने रेलवे पटरी पर बम लगाया था। मोतीलाल का कहना है कि नेपाल के आतंकी हैंडलर बृज किशोर गिरि के कहने पर उसने ऐसा किया। नेपाल में की गई जांच के दौरान NIA ने ISI के लिंकमैन शम्शुल होडा से भी पूछताछ की थी। होडा ने माना था कि वह ISI की शह पर बिहार में रेल हादसा कराने की कोशिश कर रहा था।

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