Category Archives: मेरे विचार

सपनों के शहर की दुर्गति की मिसाल बना बावड़ी हादसा..!

Last Updated:  Wednesday, April 5, 2023  3:49 pm

🔹करंट इश्यू🔹 🔺कीर्ति राणा🔺 नगर निगम की उदासीनता कहें या पुलिस की, राजनीतिक दबाव कहें या मनमर्जी का आलम… बावड़ी हादसा तो इंदौर से भोपाल तक अक्षमता की मिसाल बन चुका है। इस हादसे ने एक बार फिर सिद्ध किया है कि शहर में झांकीबाज नेताओं की भीड़ तो खूब है, लेकिन ऐसे सर्वमान्य नेता का अभाव वर्षों से यह शहर झेल रहा है, जिसकी आवाज का असर भोपाल तक नजर आए। मुख्यमंत्री ने इसे अपने सपनों का ऐसा शहर और पढ़े

नाम को काम में बदलने की ‘प्रतिभा’

Last Updated:  Wednesday,   12:42 am

🔺कीर्ति राणा🔺 कलेक्टर बनकर रीवा जा रहीं प्रतिभा पाल के संबंध में शहर के लिए यह जानना भी जरूरी है कि वे इंदौर नगर पालिक निगम की पहली महिला निगमायुक्त रही हैं। काम को अपने नाम का पर्याय बना चुकी प्रतिभा पाल का महीनों पहले से कलेक्टर बनना भी तय था।मुख्यमंत्री तो इस पक्ष में थे कि इंदौर-उज्जैन संभाग के 13 जिलों में से ही कहीं उनकी पोस्टिंग की जा सके लेकिन इन सभी जिलों में कुछ समय पहले ही और पढ़े

आबादी के लिहाज से प्रशिक्षित रेस्क्यू टीम की है जरूरत

Last Updated:  Saturday, April 1, 2023  12:46 am

नगर निगम अत्याधुनिक आपदा राहत दल का करें गठन। बाजारों को करें अतिक्रमण से मुक्त। बीजेपी नेता गोविंद मालू ने बावड़ी हादसे से सबक लेने पर दिया जोर। इंदौर में हुआ हादसा एक सबक है। रेस्क्यू में इतना विलम्ब हुआ। इतनी बड़ी आबादी के लिहाज से प्रशिक्षित रेस्क्यू टीम की जरूरत तो है ही नगर निगम को भी अत्याधुनिक संसाधनों से लैस प्रशिक्षित आपदा प्रबंधन दल का गठन करना चाहिए।फायर ब्रिगेड के संसाधन भी आबादी के लिहाज से अपर्याप्त हैं। और पढ़े

बेगुनाह होते हुए भी हत्यारी मानी जा रही बावड़ी..!

Last Updated:  Saturday,   12:27 am

🔹कीर्ति राणा 🔹 जाने कितने साल इंदौर के माथे से ये कालिख नहीं मिट पाएगी। अच्छे मामलों में नंबर वन रहने वाले शहर पर यह हादसा भारी पड़ गया है। बेचारी बावड़ी तो बेगुनाह होते हुए भी हत्यारी मानी जा रही है। एक जिंदा बावड़ी को बिना किसी कारण दफन करने का दंड उन निर्दोषों को मिला है, जिन्हें तो यह तक पता नहीं था कि लापरवाही और नोटिस के नाटक वाले रेत-सीमेंट से बने जिस फर्श पर वह बैठे और पढ़े

ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए जरूरी कदम उठाएं शासन – प्रशासन – नेमा

Last Updated:  Friday, March 31, 2023  7:42 pm

इंदौर : पूर्व विधायक गोपीकृष्ण नेमा ने गुरुवार को पटेल नगर मंदिर में हो रहे धार्मिक अनुष्ठान में हुई दुर्घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहां की घटना क्यों और कैसे हुई यह अलग जांच का विषय है लेकिन जिन परिवारों ने अपना प्रिय जन खोया है, उसकी पूर्ति असंभव है। कोई मुआवजा, कोई सांत्वना उन्हें वापस नहीं ला सकती पर भविष्य में इस तरह घटना की पुनरावृत्ति ना हो इस पर शासन और प्रशासन अवश्य कदम उठा सकता है। और पढ़े

कठिन डगर पर सधे हुए कदमों की लंबी यात्रा का पूर्णविराम..

Last Updated:  Sunday, March 26, 2023  1:34 pm

*जयदीप कर्णिक* इंदौर : बात सन 1998 के अक्टूबर की है। मालवा की खुशनुमा सर्दी की बस शुरुआत ही थी। सुबह ठीक 6.30 बजे इंदौर के साकेत चौराहे पर स्टील ट्यूब्स ऑफ इंडिया की बस आती-जाती थी। हर रोज़ की तरह उस दिन भी मैं बस में चढ़ गया। पिछले लगभग तीन साल से मैं यही तो कर रहा था। क्या मैं ज़िंदगी भर यही करते रहना चाहूँगा? रात भर ज़ेहन को मथते रहे इस सवाल ने मेरा पीछा नहीं और पढ़े

कांग्रेस और विपक्ष के लिए ये झटका शुरुआत है

Last Updated:  Saturday, March 25, 2023  7:49 pm

।। करंट इश्यू ।। 🔺कीर्ति राणा 🔺 लोकसभा से सदस्यता समाप्त किया जाना राहुल गांधी के लिए झटका इसलिए नहीं है क्योंकि कांग्रेस के रणनीतिकारों को पूरा भरोसा था कि यह नौबत आ सकती है। अब जो होगा वह कितना, किसके लिए लाभदायक होगा, इसका इंतजार करना चाहिए। लोकतंत्र की हत्या और संविधान की दुहाई देकर कांग्रेस का सड़कों पर छाती-माथा कूटते हुए चिल्लाना तय है लेकिन इको सिस्टम से लौटती आवाज में देश को इमर्जेंसी-इमर्जेंसी ही सुनाई देगा। ये और पढ़े

अभय जी के अवसान से विदा हुआ विचारवान और शालीन पत्रकारिता का सिलसिला

Last Updated:  Saturday,   7:41 pm

🔹संजय पटेल🔹 (कला समीक्षक और संस्कृतिकर्मी) बाबू लाभचंद छजलानी ने चालीस के दशक में जिस भावना से अपने अख़बार नईदुनिया का बिरवा रोपा था उसे भरापूरा वृक्ष बनाने में राहुल बारपुते, राजेन्द्र माथुर, रनवीर सक्सैना और अभय छजलानी की भूमिका बिसराई नहीं जा सकती। 23 मार्च को अभय जी के अवसान के साथ ही वह नईदुनिया परम्परा भी विराम पर आ गई जिसकी चर्चा विचारवान और शालीन पत्रकारिता नर्सरी के रूप में पूरे देश में होती थी। बेशक अभय जी और पढ़े

एक संपादक का जलवा क्या होता है, यह भी देखा है इंदौर ने

Last Updated:  Friday, March 24, 2023  6:22 pm

स्मृति शेष : पद्मश्री अभय छजलानी। 🔹कीर्ति राणा 🔹 उस दिन मप्र टेबल टेनिस एसो. के ऑफिस में प्रेस कॉन्फ्रेंस थी। अभय प्रशाल में ओम सोनी के ऑफिस के ठीक सामने अभयजी का केबिन है। तब वहां सीईओ महेंद्रसिंह खींची सारा काम देख रहे थे। उनसे पूछा अब्बूजी बैठे हैं? वो हमें उनके केबिन तक साथ ले गए। एक पत्रकार की ठसक क्या होती है… यह उस जमाने के लोग अभयजी को देखकर समझ लेते थे। आज तो एडीएम की और पढ़े

इंदौर से जुड़े मुद्दों को हमेशा तरजीह देते थे स्व. छजलानी

Last Updated:  Thursday, March 23, 2023  7:09 pm

इंदौर : (राजेंद्र कोपरगांवकर) दो दशक पूर्व बिकने से पहले तक नईदुनिया सिर्फ इंदौर ही नहीं पूरे मध्यभारत की आवाज हुआ करता था। नईदुनिया में छपी खबर शासन – प्रशासन तंत्र को हिलाकर रख देती थी। तत्कालीन नईदुनिया की सबसे बड़ी खासियत थी उसकी पठनीयता और विश्वसनीयता। मार्केटिंग स्ट्रेटेजी के दम पर कतिपय अखबार भले ही नईदुनिया से आगे निकलने में कामयाब रहा पर शुद्धता, स्पष्टता, सामाजिक सरोकार और खबरों की विश्वसनीयता के मामले में नईदुनिया का कोई मुकाबला नहीं और पढ़े