इंदौर : सत्ता, सुंदरी व सियासत के गठजोड़ और उच्चस्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार की परतें खोलने वाले बहुचर्चित हनी ट्रैप मामले में पांचों महिला आरोपियों को 14 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
भोपाल कोर्ट में पेश कर ली थी ट्रांजिट रिमांड।
आरोपी श्वेता पति विजय, श्वेता पति स्वप्निल और बरखा पति अमित की पुलिस रिमांड सोमवार 30 सितंबर को ही खत्म हो गई थी जबकि आरती और मोनिका की रिमांड 1 अक्टूबर तक थी। पांचों आरोपियों को पुलिस भोपाल व अन्य स्थानों पर पूछताछ, सबूत जुटाने व स्पॉट वेरिफिकेशन के लिए लेकर गई थी। दोनों श्वेता और बरखा को सोमवार को जेएमएफसी मनीष भट्ट की अदालत में पेश किया जाना था पर निधारित समय तक इंदौर पहुंचने में असमर्थ होने का हवाला देकर पुलिस ने भोपाल में ही जेएमएफसी बीके व्यास की अदालत में तीनों को पेश कर एक दिन का ट्रांजिट रिमांड ले लिया। बाद में पांचों आरोपी दोनों श्वेता, बरखा, आरती व मोनिका को पुलिस ने इंदौर लाकर मंगलवार सुबह सम्बन्धित जेएमएफसी कोर्ट में पेश कर दिया। संक्षिप्त बहस के बाद अदालत ने पांचों महिला आरोपियों को 14 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया।
पुलिस ने की थी रिमांड बढाने की मांग।
आरोपी श्वेता पति विजय के वकील धर्मेन्द्र गुर्जर ने कहा कि पुलिस ने दोनों श्वेता व बरखा का एक दिन और रिमांड बढाने की मांग की थी पर कोर्ट ने उसे नहीं माना। उन्होंने उनकी पक्षकार को प्रताड़ित करने का आरोप भी पुलिस पर लगाया। हालांकि जिला अभियोजन अधिकारी ने प्रताड़ना के आरोप को खारिज किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि श्वेता पति विजय के हाथ में चोट उन्होंने खुद पहुंचाई है।
जमानत के आवेदन पर हो सकती है सुनवाई।
पांचों महिला आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद जमानत की कवायद उनके वकीलों ने शुरू कर दी है। एक आरोपी श्वेता पति विजय का आवेदन सेशन कोर्ट में लंबित है। अन्य आरोपियों की ओर से भी जमानत का आवेदन लगाया जा रहा है।