बजट में मध्यम वर्ग को आयकर में सशर्त राहत..!

  
Last Updated:  February 1, 2020 " 06:35 pm"

नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में पेश किए गए 2020- 21 के बजट में मिडिल क्लास को आयकर में राहत प्रदान की है। उन्होंने आयकर छूट की सीमा तो 5 लाख ही रखी है पर आयकर की दरों में कमीं करते हुए उसे तीन की बजाय 5 स्लैब में बांट दिया है। इससे मिडिल क्लास करदाताओं पर कर का भार कम हो सकेगा।
हालांकि नए टैक्स स्लैब के को विकल्प के बतौर रखा गया है। यानी करदाता नए टैक्स स्लैब को अपनाता है तो उसे आयकर की अलग- अलग धाराओं के तहत उपलब्ध छूट का लाभ नहीं मिल सकेगा। छूट का लाभ लेना हो तो उसे पुरानी स्लैब से ही टैक्स चुकाना पड़ेगा।

ये है नई आयकर की दरें..

1, 0-5 लाख तक की आय पर पहले की तरह कोई कर नहीं लगेगा।
2, 5 से 7.50 लाख रुपए की नई स्लैब बनाई गई है। इसमें 10 फीसदी टैक्स देना पड़ेगा। पहले 20 फीसदी देना पड़ता था।
3, 7.50 लाख से 10 लाख तक की आमदनी पर अब 15 फीसदी कर देना होगा। पहले यह दर 20 फीसदी थी।
4, 10 से 12.50 लाख तक की आमदनी पर अब 20 फीसदी टैक्स देना होगा। पहले यह दर 30 फीसदी थी।
5, 12.50 से 15 लाख तक की आय पर टैक्स की दर 25 फीसदी रखी गई है। पहले ये दर 30 फीसदी थी।
6, 15 लाख से अधिक आय पर कर की दर 30 फीसदी यथावत रखी गई है।

इन पर मिलती रहेगी छूट..

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ किया है कि नई टैक्स स्लैब अपनाने वालों को भी ग्रेच्युटी, प्रोविडेंट फण्ड, नेशनल पेंशन स्कीम और रिटायरमेंट फंड पर छूट का लाभ मिलता रहेगा। इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।

5 लाख तक की जमा राशि पर गारंटी।

बजट में खातेदारों की बैंक में जमा राशि को लेकर भी बड़ी राहत दी गई है। अभी तक 1 लाख रुपए की जमा राशि पर बीमा कवर मिलता था, अब यह लिमिट बढाकर 5 लाख रुपए कर दी गई है। यानी किसी कारणवश बैंक डूब भी जाए तो खातेदार को 5 लाख तक जमा राशि वापस मिल जाएगी। खासकर सीनियर सिटीजन्स को इसका लाभ होगा।

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