इसे मिनी मुंबई कहना उचित नहीं।
मीडिया का निष्पक्ष तटस्थ होना जरूरी।
इंदौर प्रवास पर मीडियाकर्मियों से चर्चा में बोले अभिनेता अन्नू कपूर।
प्रेस्टीज इंदौर अंतराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में भाग लेने आए थे इंदौर।
इंदौर : प्रेस्टीज इंदौर फिल्म फेस्टिवल में भाग लेने आए वरिष्ठ अभिनेता अन्नू कपूर ने मीडिया से चर्चा करते हुए अपने फिल्मी कैरियर से जुड़ी जिज्ञासाओं के साथ अन्य कई सवालों के भी जवाब दिए।
अन्नू कपूर ने कहा कि वे आईएएस अधिकारी बनना चाहते थे पर नहीं बन पाया। पिताजी की थियेटर कंपनी थी, उसी में काम शुरू किया। अशोक नगर (मप्र) में 1974 में पहली फिल्म की। उसके बाद ये सिलसिला बढ़ता गया।
90 से अधिक सांसदों के इंटरव्यू किए।
अन्नू कपूर ने कहा कि उन्होंने जर्नलिस्ट के बतौर एक निजी चैनल के लिए 1995 में किस्सा कुर्सी का नामक कार्यक्रम के कई एपिसोड किए थे। उस दौरान करीब 90 विभिन्न दलों के सांसदों के इंटरव्यू करने का उन्हें मौका मिला था।
राजनीति में इंटरेस्ट नहीं है।
अन्नू कपूर ने कहा कि उन्हें राजनीति नहीं आती। ऐसा नहीं की उन्हें राजनीतिक दलों से ऑफर नहीं मिले पर उनकी रुचि नहीं थी। जीवन में केवल एक बार व्यक्तिगत मित्रता के चलते 1993 में उन्होंने बृजमोहन अग्रवाल के लिए चुनाव प्रचार किया था, जो वर्तमान में छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ नेता हैं।
निष्पक्षता और तटस्थता है जरूरी।
अन्नू कपूर ने कहा कि समाज को दिशा देने में मीडिया की अहम भूमिका है पर सच को सामने लाने के लिए निष्पक्ष और तटस्थ रहना बेहद जरूरी है।
नास्तिक हैं अन्नू कपूर।
अन्नू कपूर ने कहा कि वे फिल्म इंडस्ट्री में काम जरूर करते हैं पर फिल्में नहीं देखते। वे कई महापुरुषों से प्रभावित जरूर रहे हैं पर किसी धर्म से उनका जुड़ाव नहीं है।एक तरह से वे नास्तिक हैं।
रियलिटी शोज की बुनियाद है अंताक्षरी।
बीते पांच दशक से फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय अभिनेता अन्नू कपूर रियलिटी शोज से जुड़े सवाल पर कहा कि उनके द्वारा बरसों तक संचालित टीवी शो अंताक्षरी जनमानस में बेहद लोकप्रिय रहा था। विभिन्न टीवी चैनलों पर उसके बाद सिंगिंग से जुड़े कार्यक्रमों की बाढ़ सी आ गई। इन सभी रियलिटी शोज की बुनियाद अंताक्षरी ही रहा है।
अध्ययन, चिंतन और मनन से आती है प्रबुद्धता।
अलग – अलग माध्यमों में काम कर अपनी बहुमुखी प्रतिभा का नजारा पेश करने वाले अन्नू कपूर मानते हैं कि कोई भी काम करने से पहले उसकी पूर्व तैयारी जरूर करनी चाहिए। अध्ययन, चिंतन और मनन से ही प्रबुद्घता आती है।
इंदौर को किसी और पहचान की जरूरत नहीं।
अन्नू कपूर ने बताया कि वे 1975 से इंदौर आते रहे हैं। इंदौर उस समय भी समृद्ध शहर था। स्वच्छता में यह शहर सात बार से नंबर वन है। इसे मिनी मुंबई कहा जाता है पर मेरा मानना है कि इंदौर को किसी और नाम की बात जरूरत नहीं है। यह अपने आप में जाना – पहचाना सशक्त शहर है।