बुर्के वाली महिलाएं लव जिहाद नहीं फैलाती: रुबीना
अपनी ही पार्टी कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा क्या मुस्लिम केवल कांग्रेस को वोट देने के लिए हैं..?
मुस्लिमों के खिलाफ दिए जा रहे बयानों की कांग्रेस के बड़े नेताओं को करनी चाहिए मुखालफत।
इंदौर : महापौर पुष्यमित्र भार्गव की अगुवाई वाली बीजेपी निगम परिषद के तीन साल पूरे होने पर उनकी विफलता और कथित भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे द्वारा आयोजित पत्रकार वार्ता में उस समय अजीब हालात पैदा हो गए जब कांग्रेस की वार्ड 39 की पार्षद रुबीना इकबाल खान ने विषय से हटकर विवादित बयान दे डाला। यही नहीं उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, दिग्विजय सिंह सहित अन्य वरिष्ठ पार्टी नेताओं को भी लपेटें में ले लिया।
धीरेन्द्र शास्त्री का बयान गलत।
दरअसल, कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने बीजेपी परिषद की कमी – खामियों और भ्रष्टाचार पर बोलने के लिए अपनी पार्टी को महिला पार्षदों को आगे किया था। जब पार्षद रुबीना इकबाल खान की बारी आई तो वे परिषद के कामकाज पर बोलने की बजाय हिन्दू – मुस्लिम का राग अलापने लगी। उन्होंने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धर्मेंद्र शास्त्री के बुरहानपुर की लव जिहाद की घटना के बाद हिंदू युवतियों को लेकर दिए बयान कि दुर्गा बन, तू काली बन, कभी न बुर्के वाली बन।’ की निंदा करते हुए कहा कि वह इससे बहुत आहत हैं। वे अपनी बहन बेटियों को जरूर काली, दुर्गा बनने की शिक्षा दें पर इसमें बुरकेवालियों को क्यों घसीटा जा रहा है। मुस्लिम लड़कियां कौनसा लव जिहाद कर रहीं हैं..? उनके हाथों में कौनसा बम – रिवॉल्वर है। साध्वी प्रज्ञा कह रही हैं कि हरे रंग से आतंकवाद निकलता है। अब रंग पर भी विवाद खड़ा किया जा रहा है।
कांग्रेस के बड़े नेता मुस्लिमों के पक्ष में खड़े हों।
पार्षद रुबीना इकबाल खान यहीं नहीं रुकी, उन्होंने इस मामले में अपनी ही पार्टी कांग्रेस को भी कटघरे में खड़ा कर दिया। उनका कहना था कि मुस्लिम क्या केवल कांग्रेस को वोट देने के लिए हैं। मुस्लिमों पर जब कोई सवाल उठाता है तो प्रियंका गांधी, दिग्विजय सिंह, जीतू पटवारी जैसे नेताओं को उसका खुलकर विरोध करना चाहिए।
बता दें कि इंदौर के खजराना क्षेत्र से कांग्रेस की पार्षद रुबीना इकबाल खान अक्सर ऐसे बयान दे डालती हैं, जिससे पार्टी के समक्ष असमंजस की स्थिति पैदा हो जाती है।







