छिंदवाड़ा : सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के बफर जोन में करंट लगाकर बाघ का शिकार करने वाले चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों के कब्जे से वन विभाग की टीम ने मादा बाघ की खाल और अवशेष भी बरामद किए हैं।
मौके से आरोपी गिरफ्तार।
डीएफओ आलोक पाठक के अनुसार पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि उन्होंने दिसंबर महीने में करंट लगाकर मादा बाघ का शिकार किया था, जिसकी उम्र करीब 6 से 8 साल रही होगी। बाघ का शिकार करने के बाद उसकी खाल उतारकर आरोपियों ने पानी के भीतर छिपा रखी थी। साथ ही नाखून और पंजे सहित हड्डियां भी पेड़ के ऊपर बांध रखी थी, ताकि कोई देख न पाए। मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर वन विभाग की टीम ने आरोपियों को पकड़कर बाघ के अवशेष बरामद किए।
देनवा क्षेत्र के बफर जोन में किया गया शिकार।
वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली थी कि, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के बफर जोन के इलाके के मीराकोटा गांव में कुछ लोगों ने बाघ का शिकार किया है और खाल समेत अवशेष छिपा रखे हैं। पहले पड़ीहार बनकर आरोपियों को विश्वास में लिया गया और धन वर्षा का लालच देकर उन्हें गिरफ्त में लेने की योजना बनाई गई लेकिन आरोपियों को शक हो गया, इसके बाद वे सतर्क हो गए। उस के दूसरे दिन वन विभाग की टीम ने दबिश दी और आरोपियों को रंगे हाथों पकड़ लिया।
धनवर्षा के लालच में किया शिकार।
दरअसल, अधिक धन कमाने के लालच में ग्रामीण जानवरों का शिकार करते हैं। कहा जाता है कि बाघ के नाखून और कई अवशेषों से पूजा पाठ करने पर धन की वर्षा होती है। इसी लालच में अधिकतर ग्रामीण ऐसे कदम उठाकर वन्यजीवों का शिकार करते हैं।