पांच राज्यों में जोर-शोर से जुटें बीजेपी नेता: अमित शाह

  
Last Updated:  January 7, 2017 " 05:40 am"

नई दिल्ली. बीजेपी कार्यकारिणी की बैठक में अमित शाह ने सर्जिकल स्ट्राइक और नोटबंदी को ऐतिहासिक फैसला बताया.बीजेपी की राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी पदाधिकारियों से पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने में जोर-शोर जुटने को कहा है. अमित शाह ने पार्टी नेताओं से गोवा और पंजाब में सरकार की वापसी के साथ यूपी, उत्तराखंड और मणिपुर में कमल खिलाने का दावा किया. इस बैठक में बीजेपी ने राजनीतिक दलों में मिलने वाले चंदे में पारदर्शिता के लिए एक समिति का भी गठन किया है.

‘दुनिया भर में पीएम मोदी की चर्चा’

कार्यकारिणी की बैठक में अमित शाह के अध्यक्षीय भाषण के बाबत जानकारी देते हुए वरिष्ठ बीजेपी नेता प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया, ‘अमित शाह ने इस बैठक में सरकार के दो ऐतिहासिक फैसलों का जिक्र किया, पहला सर्जिकल स्ट्राइक और दूसरा विमुद्रीकरण (नोटबंदी).’ अमित शाह ने कहा कि दुनियाभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम की चर्चा हो रही है. बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि भारत के विकास और बेहतर नीतियों के लिए लोगों ने नोटबंदी को भरपूर समर्थन दिया, निकाय चुनाव के नतीजे इसका प्रमाण है. वहीं एलओसी के पार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकियों के लॉन्चपैड पर भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक पर बीजेपी अध्यक्ष की बातों के हवाले से जावड़ेकर ने कहा, ‘सर्जिकल स्ट्राइक आतंकवाद के खिलाफ भारत का जवाब है. लेकिन दुर्भाग्य से विपक्षी पार्टियों को पता ही नहीं कि इस पर क्या बोला जाए. एक नेता इसे खून की दलाली कहते हैं, दूसरे इस पर सबूत मांगते हैं.’ तृणमूल पर साधा निशाना इसके साथ ही अमित शाह ने पश्चिम बंगाल में चिटफंड घोटाले में तृणमूल नेताओं की गिरफ्तारी के बाद बीजेपी दफ्तर पर हमले पर टीएमसी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि वे वैचारिक रूप से नहीं लड़ सकते, इसलिए बौखलाहट में हिंसा कर रहे हैं. इसी वजह से संवैधानिक संस्थाओं और पार्टी दफ्तरों पर हमला किया जा रहा है. अगर भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई हो रही है तो सबूतों के आधार पर कानूनी कार्रवाई का सामना करने के बजाय तृणमूल कार्यकर्ता हिंसा कर रहे हैं. बता दें कि अगले महीने से शुरू हो रहे पांचों राज्यों के विधानसभा चुनाव बीजेपी के लिए खासे महत्वपूण माने जा रहे हैं, जो कि पार्टी की दिशा तय करेंगे. ऐसे में दो दिनों की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की इस बैठक में पार्टी के चुनाव एजेंडे पर पूरा फोकस रहने वाला है.

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