केंद्र सरकार ने पीएफआई और उससे जुड़े सहयोगी संगठनों को किया प्रतिबंधित

  
Last Updated:  September 28, 2022 " 03:36 pm"

नई दिल्‍ली : देशभर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के ठिकानों पर व्यापक छापामार कार्रवाई करने के बाद केंद्र सरकार ने पीएफआई और इससे जुड़ी संस्‍थाओं को पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी। 27 सितंबर 2022 की तारीख वाली अधिसूचना में इन संगठनों के बारे में विस्‍तार से बताया गया है। गृह मंत्रालय ने बताया कि पीएफआई व उससे जुड़े संगठनों ने भारत में आतंक फैलाया और समुदाय विशेष में कट्टरवाद को बढ़ावा दिया।केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन कारणों को भी स्पष्ट किया है, जिनके चलते पीएफआई और उससे जुड़े संगठनों को बैन किया गया है।

केंद्र सरकार ने बैन के पीछे बताई ये वजहें।

  1. ‘पीएफआई के कुछ संस्थापक सदस्य स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के नेता रहे हैं तथा पीएफआई का सम्बन्ध जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) से भी रहा है। ये दोनों प्रतिबंधित संगठन हैँ। पीएफआई के वैश्विक आतंकवादी समूहों, जैसे कि इस्लामिक स्टेट ऑफ़ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) के साथ अंतर्राष्ट्रीय सम्पर्क के कई उदाहरण हैं।
  2. पीएफआई और इसके सहयोगी संगठन या अग्रणी संगठन, चोरी-छिपे देश में असुरक्षा की भावना को बढ़ावा देकर एक समुदाय में कट्ररपंथ को बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं, जिसकी पुष्टि इस तथ्य से होती है कि इसके कुछ सदस्य अंतर्राष्ट्रीय आतंकी संगठनों से जुड चुके हैं।
  3. पीएफआई कई आपराधिक और आतंकी घटनाओं में शामिल रहा है। यह देश के संवैधानिक प्राधिकार का अनादर करता है। बाह्य स्रोतों से प्राप्त धन और वैचारिक समर्थन के साथ यह देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है।
  4. विभिन्‍न मामलों में जांच से ज्ञात हुआ है कि पीएफआई और इसके अनुषंगी संगठन बार-बार हिंसक और विध्वंसक कार्यों में संलिप्त रहे हैं, जिनमें एक कॉलेज प्रोफेसर का हाथ काटना, अन्य धर्मों का पालन करने वाले संगठनों से जुड़े लोगों की निर्मम हत्या करना, प्रमुख लोगों और स्थानों को निशाना बनाने के लिए विस्फोटक प्राप्त करना, सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाना आदि शामिल हैं।
  5. पीएफआई काडर कई आतंकवादी गतिविधियों और व्यक्तियों संजीत (केरल, नवम्बर, 202), वी. रामलिंगम (तमिलनाडु, 209), नंदू (केरल, 202), अभिमन्यु (केरल, 208), बिबिन (केरल 207), शरत (कर्नाटक 207), आर. रुद्रेश (कर्नाटक 206), प्रवीण पुजारी (कर्नाटक 206), शशि कुमार (तमिलनाडु, 206) और प्रवीण नेत्तारू ( कर्नाटक, 2022) की हत्या में शामिल रहे हैं। ऐसे अपराधिक कृत्य और जघन्य हत्याएं, सार्वजानिक शांति को भंग करने और लोगों के मन में आतंक का भय पैदा करने के एकमात्र उद्देश्य से की गई है।
    पीएफआई के पदाधिकारी और काडर तथा इससे जुड़े अन्य लोग बैंकिंग चैनल, हवाला, दान आदि के माध्यम से सुनियोजित आपराधिक षडयंत्र के तहत भारत के भीतर और बाहर से धन इकट्ठा कर रहे हैं और उस धन को वैध दिखाने के लिए कई खातों के माध्यम से उसका अंतरण, लेयरिंग और एकीकरण करते हैं। अंततः ऐसे धन का प्रयोग भारत में विभिन्‍न आपराधिक, विधि विरुद्ध और आतंकी कार्यो के लिए करते हैं।

6.पीएफआई की ओर से उनसे सम्बंधित कई बैंक खातों में जमा धन के स्रोत खाता धारकों के वित्तीय प्रोफाइल से मेल नहीं खाते पीएफआई के कार्य भी उसके घोषित उद्देश्यों के अनुसार नहीं पाए गए, इसलिए आयकर विभाग ने, आयकर अधिनियम, 964 ( 964 का 3) की धारा 42-/& या 2-// के तहत मार्च, 202 में इसका पंजीकरण रद्द कर दिया। इन्हीं कारणों से , आयकर विभाग ने, आयकर अधिनियम, 496 की धारा 42-/ या 2-/ के तहत, रिहैब इंडिया फाउन्डेशन के पंजीकरण को भी रद्द कर दिया।

  1. उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात और अन्य राज्य सरकारों ने पीएफआई को प्रतिबंधित करने की अनुशंसा की है।
  2. पीएफआई और इसके सहयोगी संगठन या सम्बद्ध संस्थाएं या अग्रणी संगठन देश में आतंक फैलाने और इसके द्वारा राष्ट्र की सुरक्षा और लोक व्यवस्था को खतरे में डालने के इरादे से हिंसक आतंकी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। पीएफआई की राष्ट्र- विरोधी गतिविधियां राज्य के संवैधानिक ढ़ांचे और सम्प्रभुता का अनादर और अवहेलना करती हैं। इसलिए इनके विरुद्ध तत्काल और त्वरित कार्रवाई अपेक्षित है।

9.केंद्र सरकार का यह मत है कि यदि पीएफआई और इसके सहयोगी संगठन या सम्बद्ध संस्थाओं या अग्रणी संगठनों के विधिविरुद्ध क्रियाकलापों पर तत्काल रोक अथवा नियंत्रण न लगाया गया, तो पीएफआई और इसके सहयोगी संगठन या सम्बद्ध संस्थाएं या अग्रणी संगठन इस अवसर को निम्नलिखित हेतु प्रयोग करेंगे :-

अपनी विध्वंसात्मक गतिविधियों को जारी रखेंगे, जिससे लोक व्यवस्था भंग होगी और राष्ट्र का संवैधानिक ढांचा कमजोर होगा;
आतंक आधारित पश्चगामी तंत्र (रिग्रेसिव रिजीम)को प्रोत्साहित एवं लागू करेंगे।

एक वर्ग विशेष के लोगों में देश के प्रति असंतोष पैदा करने के उद्देश्य से उनमें राष्ट्र-विरोधी भावनाओं को भड़काना और उनको कट्टरवाद के प्रति उकसाना जारी रखेंगे।

देश की अखण्डता, सुरक्षा और सम्प्रभुता के लिए खतरा उत्पन्न करने वाली गतिविधियों को और तेज करेंगे।

इन संगठनों को किया प्रतिबंधित।

केंद्र सरकार ने विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम के तहत पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और इसके सहयोगी संगठनों या सम्बद्ध संस्थाओं या अग्रणी संगठनों, रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ), कैंपस फ्रंट ऑफ़ इंडिया (सीएफआई), आल इंडिया इमाम काउंसिल (एआईआईसी), नेशनल कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ हयूमन राइट्स आर्गेनाईजेशन (एनसीएचआरओ), नेशनल वूमेंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल को प्रतिबंधित किया है।

Facebook Comments

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *