इंदौर : आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की जानकारी देने आए मालवा प्रान्त के संघचालक डॉ. प्रकाश शास्त्री और सहकार्यवाह विनीत नवाथे को पत्रकारों के तीखे सवालों का सामना करना पड़ा। आरएसएस का बीजेपी के साथ अन्तर्सम्बन्ध, गौरक्षा और स्वावलम्बी अर्थव्यवस्था के मामले में गांधीजी के साथ वैचारिक साम्यता को लेकर ये सवाल पूछे गए।
बीजेपी को नियंत्रित नहीं करता आरएसएस।
डॉ. प्रकाश शास्त्री और विनीत नवाथे का बीजेपी और आरएसएस के अंतरसंबंधों को लेकर कहना था कि बीजेपी के साथ आरएसएस की वैचारिक समानता जरूर है पर ये कहना गलत है कि आरएसएस, बीजेपी को नियंत्रित करता है। जहां तक बीजेपी में आरएसएस के लोगों के पदाधिकारी बनने की बात है तो उसकी मांग बीजेपी की ओर से की जाती है ताकि संगठन का कार्य सुचारू रूप से चलता रहे। वैचारिक भिन्नता होने से कांग्रेस के साथ तालमेल नहीं बैठ पाता है।
गौरक्षा समाज की जिम्मेदारी।
डॉ. शास्त्री और नवाथे का बीजेपी सरकार में गौ माता की हो रही मौतों के मामले में कहना था कि कोई भी सरकार गौरक्षा की जिम्मेदारी नहीं उठा सकती, यह काम समाज ही कर सकता है। उनका कहना था कि पहले मृत पशुओं का चमड़ा निकालकर विभिन्न वस्तुएं बनाने में उनका उपयोग होता था। इसीतरह हड्डियों का उपयोग समाधि खाद बनाने में किया जाता था लेकिन अब वो परंपरा विलुप्त होने से मृत पशुओं के शवों का उचित निपटान नहीं हो पाता। भोपाल और पेडमी- इंदौर में बड़ी संख्या में गायों की मौत के लिए उन्होंने सम्बन्धित गौशालाओं के मैनेजरों को जिम्मेदार ठहराया।
गांधीजी के विचारों से कई मुद्दों पर समानता।
डॉ. शास्त्री और नवाथे ने माना कि स्वदेशी, स्वावलम्बन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने जैसे मुद्दों पर आरएसएस के विचार गांधीजी के विचारों से मिलते हैं। उनका कहना था कि हमने कई गांधीवादी चिंतकों को बुलाकर उनके व्याख्यान भी कराए हैं।