इंदौर : मिर्गी रोग के शुरूआती दौरों में सबसे ज़्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। नियमित जांच के अलावा सही चिकित्सा भी ऐसे मरीजों की होना चाहिए। बाल्यकाल में किए गए प्रयासों के सार्थक नतीजे मिलते हैं। ये बात मिर्गी रोग विशेषज्ञ डॉ. व्ही.व्ही.नाडकर्णी ने कही। वे अंतरराष्ट्रीय मिर्गी दिवस पर गीता भवन में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहीं थीं।
इंदौर मिर्गी रोग विशेषज्ञ एसो. समिति एवं गीता भवन हॉस्पिटल ने मिलकर ये कार्यक्रम आयोजित किया था। इस दौरान मिर्गी के मरीजों के लिए शिविर भी लगाया गया। गीता भवन ट्रस्ट के अध्यक्ष गोपाल दास मित्तल के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुए इस कार्यक्रम व शिविर में गीता भवन ट्रस्ट के मंत्री राम ऐरन, रामविलास राठी, हरीश माहेश्वरी विशेष रूप से उपस्थित थे। इंदौर मिर्गी रोग विषेशज्ञ एसो. समिति की ओर से डॉ. व्ही.व्ही. नाडकर्णी, नीलम रानडे और अनिता मोटवानी ने मरीजों को अनेक महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान की। इस अवसर पर करीब 50 मरीजों को मिर्गी की मुफ्त दवाइयां भी दी गई। नीलम रानडे और अनिता मोटवानी ने परीक्षण के उपरांत चिन्हित किए गए मरीजों को आवश्यक औषधियां भी निःशुल्क प्रदान की। जांच के दौरान लगभग 90 प्रतिशत मरीजों में विटामिन डी की कमी पाई गई।
बता दें कि गीता भवन में प्रत्येक माह के पहले शनिवार को भी मिर्गी के मरीजों के लिए विशेष शिविर का आयोजन किया जाता है। कार्यक्रम का संचालन नीलम रानडे ने किया। स्वागत रिजवान खान ने किया। आभार प्रदर्शन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।