नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को जयपुर की अदालत में इंद्रेश कुमार और साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ सप्लीमेंट्री फाइनल रिपोर्ट दाखिल की है। इस रिपोर्ट में एनआईए ने कहा, इन दोनों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है। कोर्ट एनआईए की रिपोर्ट पर 17 अप्रैल को फैसला सुनाएगी।
जयपुर की कोर्ट ने इस मामले में एनआईए से पूछा कि अब तक फरार चल रहे चार अन्य आरोपियों की संपत्ति का ब्यौरा क्यों दाखिल नहीं किया गया है। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल को करेगा। कोर्ट में एनआईए ने बताया कि साध्वी और इंद्रेश के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है जिसकी बिनाह पर मामले की जांच को आगे बढ़ाया जा सके। वहीं दो अन्य आरोपियों की मौत हो चुकी है।
आपको बता दें कि जयपुर के स्पेशल कोर्ट ने अजमेर बम विस्फोट कांड में असीमानंद समेत सात आरोपियों को बरी कर दिया था, जबकि दोषी पाए गए भवेश पटेल और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता देवेंद्र गुप्ता और को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
गौरतलब है कि 11 अक्टूबर 2007 को दरगाह परिसर में हुए बम विस्फोट में तीन जायरीन मारे गए थे और 15 जायरीन घायल हो गए थे। विस्फोट के बाद पुलिस को तलाशी के दौरान एक और लावारिस बैग मिला था जिसमें बम के साथ टाइमर लगा था। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओेर से 149 गवाहों के बयान दर्ज करवाए गए, लेकिन अदालत में गवाही के दौरान 24 से अधिक गवाह अपने बयानों से मुकर गए थे। बचाव पक्ष की ओर से दो गवाह पेश किए गए। इस मामले में 8 आरोपी 2010 से न्यायिक हिरासत में है। एक आरोपी रमेश गोविल को जमानत मिलने के बाद मौत हो गई थी, जबकि एक और आरोपी सुनील जोशी की दिसम्बर 2007 में मध्य प्रदेश में हत्या हो गई थी।