इंदौर : भगवान के अनंत अवतार हैं। उनके गुण भी अनंत है और रूप भी । जो मनुष्य भगवान के गुणों का परिगणन करता है वह बाल बुद्धि है। प्रकृति के भी तीन गुण हैं, सत्व, रज और तम। इन गुणों के साथ इस जगत की स्थिति, उत्पत्ति को अंगीकार कर जो परब्रह्म बना है वही ब्रह्मा, विष्णु और महेश अर्थात दत्तात्रेय हैं। ये विचार सदगुरु अण्णा महाराज ने दत्त जयंती के अवसर पर अपने शिष्यों को आशीर्वचन स्वरूप व्यक्त किए।
पलसीकर कॉलोनी स्थित श्री दत्त माऊली सदगुरु अण्णा महाराज संस्थान में मार्गशीर्ष पूर्णिमा, बुधवार 7 दिसंबर को दत्त जयंती उत्सव आस्था और उत्साह के साथ मनाया गया।
संस्थान के शरद जपे ने बताया कि बुधवार को दोपहर 12 बजे आरती हुई। इसके बाद संस्थान परिसर में भगवान की पादुका की पालकी निकाली गई । दोपहर को सदगुरु अण्णा महाराज और परिसर में स्थापित भगवान दत्तात्रेय की दिव्य मूर्ति के दर्शन के लिए भक्तों की लंबी कतारें लगी रहीं। गुरु दीक्षा भी दी गई।
शाम को ठीक 6.00 बजे भगवान का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। जन्म के समय पालन गीत, भजन गायन के साथ आतिशबाजी भी हुई। सदगुर अण्णा महाराज की पाद्य पूजा तथा आशीर्वचन हुए। अण्णा महाराज के आग्रह पर समस्त दत्त भक्तों ने संध्या समय अपने घरों में 11 दीपक प्रज्वलित किए।