अनेकता में एकता भारतीय संस्कृति की विशेषता है- राज्यपाल खान

  
Last Updated:  January 10, 2022 " 02:50 pm"

जावरा: गंगा-जमुनी तहजीब भारत की पुरानी परंपरा है।भारत ने अपने तहजीबी सफर और सभ्यता की यात्रा जब आरंभ की तब ऋषि-मुनियों ने कहा कि हम एक हैं। हमारी संस्कृति एक है और यही परम सत्य है । हमारे ऋषि-मुनियों ने आस्था, सभ्यता और संस्कृति को समाविष्ट किया है इसीलिए अनेकता में एकता ही भारतीय संस्कृति की विशेषता कहलाती है।
यह बात केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कही।वे स्व. झमकलाल खारीवाल एवं स्व. एएल भल्ला की स्मृति में माइंड बॉडी एंड सौल इंटरनेशनल हॉलिस्टिक सेंटर आफ जावरा द्वारा ग्राम नागदी में स्थापित हो रहे आनंदम हॉलिस्टिक सेंटर के भूमि पूजन समारोह में बोल रहे थे।
राज्यपाल श्री खान ने हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी एवं संस्कृत भाषा में धर्म और अध्यात्म, सामाजिक एवं धार्मिक परिवेश की जागरूकता के बारे में विस्तार से अवगत कराया । उन्होंने जैन धर्म की एक पुस्तक में भगवान महावीर स्वामी के संदेश का उल्लेख करते हुए कहा है कि जो व्यक्ति बीमार गरीब, असहाय, कमजोर एवं जरूरतमंद से प्यार करेगा समझो वह मुझसे प्यार करेगा । राज्यपाल श्री खान ने आगे कहा कि देश में अलग-अलग पूजा पद्धति इसलिए शुरू की गई की हम ईश्वर को एक आंख से नहीं देख सकते इसलिए अलग-अलग आंखों से देख सकें। भक्तों की सुविधा और कल्पना को साकार करने के लिए ईश्वर हर रूप में मिलता है। भारतीय संस्कृति शुरू से ही भारत की प्राचीन जीवन शैली रही है। भारत की संस्कृति 5000 साल से भी पुरानी संस्कृति है। भारत के हर व्यक्ति में दिव्यता का प्रकटीकरण होना चाहिए। जिस प्रकार सूरज सभी को समान रूप से ऊर्जा प्रदान करता है यही दिव्यता है। सूरज पर चाहे कोई जल चढ़ाएं या नहीं लेकिन वह सबको समान रूप से अपनी दिव्यता प्रदान करता है।उन्होंने कहा कि दूसरे को पीड़ा पहुंचाना बहुत बड़ा पाप है। जिससे अपनी कोई रिश्तेदारी नहीं हो उसके बारे में सोचो और उसके कल्याण के लिए कुछ करो यही तो सच्ची मानव सेवा है, क्योंकि शास्त्र कहते हैं कि मानव सेवा ही माधव सेवा है। हम ऊपर वाले का शुक्रिया अदा करें कि उसने हमें इस लायक बनाया है कि हम किसी के काम आ सके। मानव सेवा के माध्यम से हम ऊपर वाले की इबादत कर रहे हैं। हमने जो पैसा अपनी जीवन शैली के लिए कमाया है वह तो ठीक है, लेकिन यदि जीवन शैली से अधिक पैसा कमाया है तो वह पैसा हमारा नहीं है। वह पैसा तो मानव सेवा के लिए समर्पण के रूप में सामने आना चाहिए ।

मंचासीन अतिथियों डॉ. हरीश भल्ला नई दिल्ली,क्षेत्रीय विधायक मनोज चावला, ट्रस्टी विमला देवी खारीवाल, बरखा पिंचा, पलक नवल, ट्रस्ट के महामंत्री सुदेश खारीवाल, एवं कनकमल कांठेड़ ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया । ट्रस्ट के सभी पदाधिकारियों, राजेश खारीवाल व संतोष मेडतवाल ने मुख्य अतिथि राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का स्वागत किया। स्वागत भाषण डॉ. हरीश भल्ला ने दिया । माइंड बॉडी एंड सौल इंटरनेशनल हॉलिस्टिक सेंटर की विस्तृत रूपरेखा सचिन पिंचा आर्किटेक्ट नई दिल्ली ने पेश की। इस अवसर डॉ हरीश भल्ला की फिल्म “अंधी गलियों” की क्लिपिंग का प्रेजेंटेशन टीवी स्क्रीन पर दिखाया गया । स्टेट प्रेस क्लब मध्य प्रदेश के अध्यक्ष प्रवीण कुमार खारीवाल ने रियासत काल से लेकर अब तक जावरा की प्रगति मे सहभागी विभूतियों के योगदान से अतिथियों एवं आगंतुक महानुभाव को अवगत कराया । ट्रस्ट के ट्रस्टी कनकमल कांठेड़ ने भी संक्षिप्त उद्बोधन दिया । समारोह में राज्यपाल खान को आयोजन समिति की ओर से शाल ओढ़ाकर एवं प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया । अंत में आभार सुदेश खारीवाल ने माना । कार्यक्रम में बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक, अधिकारी, समाजसेवी, विभिन्न दलों के नेता, ग्रामीण जन एवं पत्रकार गण उपस्थित रहे।

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