इंदौर : गांधी हॉल में चल रहे इंदौर लिटरेचर फेस्टिवल में दूसरे दिन भी सुबह से शाम तक संगोष्ठी, काव्यपाठ और चर्चा सत्रों का दौर चलता रहा। देर शाम कबीर बैंड की प्रस्तुति हुई। दूसरे दिन के प्रमुख आकर्षण कबीर बेदी रहे।
स्वयं पर विश्वास रखें और कभी भी हार नहीं मानें।
बॉलीवुड के साथ हॉलीवुड की फिल्मों में भी अपनी छाप छोड़ने वाले अभिनेता कबीर खान ने अपनी बायोग्राफी ‘स्टोरीज आई मस्ट टेल’ पर चर्चा के साथ फिल्मी सफर और निजी जिंदगी से जुड़े लम्हों पर भी बात की। विभा सेठी और ममता कालिया ने उनसे बातचीत करते हुए कई सवाल किए। कबीर बेदी ने कहा कि जो हमे पसंद है वही काम करना चाहिए। स्वयं पर भरोसा होगा तो सफलता भी मिलेगी।हमे कभी भी हार नही मानना चाहिए और अपनी रचनात्मकता को कभी खत्म नहीं होने देना चाहिए। बेदी ने कहा की मैने अपना पहला नाटक 6 साल की उम्र में किया। उसके बाद यह सिलसिला फिल्मों में चला और जारी रहा। उन्होंने अपनी सुपरहिट हिंदी फिल्म खून भरी मांग का जिक्र करते हुए कहा कि उस फिल्म में खलनायक का किरदार निभाने के बाद लोग उनसे डरने लगे थे।
आज अवसरों की कमीं नहीं।
कबीर बेदी ने कहा कि पहले फिल्मों में बहुत ज्यादा कौशल की आवश्यकता होती थी आज के जनरेशन के लिए अपनी प्रतिभा दिखाने के कई मंच उपलब्ध हैं। अवसरों की अब कमीं नहीं हैं।
पितृसत्तात्मक व्यवस्था ज्यादा नहीं चलेगी।
एक सवाल के जवाब में बेदी ने कहा कि देश में पितृसत्तात्मक व्यवस्था ज्यादा समय नहीं चलेगी। महिलाएं हर क्षेत्र में आगे आ रही उनके लिए बहुत कुछ बेहतर हो रहा है।
बेटे का जिक्र होते ही भावुक हुए बेदी।
कबीर बेदी बातचीत के दौरान बेटे का जिक्र आते ही भावुक हो गए। हालांकि जल्द ही उन्होंने अपने इमोशंस पर काबू पा लिया। उनके बेटे सिद्धार्थ ने 26 वर्ष की उम्र में सुसाइड कर लिया था। कबीर बेदी लाख कोशिशों के बाद भी अपने बेटे को नहीं बचा पाए थे। बेदी ने अपनी बायोग्राफी में इसका उल्लेख किया है।
मालवी- निमाड़ी कविता सत्र।
मालवी निमाड़ी कविता सत्र मैं धीरेंद्र कुमार जोशी, सुनील चौरे, राजेश भंडारी बाबू,नरेंद्र मांडलिक, द्रोणचार्य दुबे, मनोरमा जोशी ने अपनी रचनाएं सुनाई। अध्यक्षता माया मानवेंद्र ने की।संचालन किया सुषमा दुबे ने ।आभार माना मुकेश तिवारी ने।
इसके पूर्व शनिवार को सुबह के कविता सत्र में माया कोल, ममता तिवारी, सपना साहू, रश्मि चौधरी ,गरिमा मुद्गल, मधु टांक, प्रीति दुबे, स्नेहलता श्रीवास्तव ने कविताएं पढ़ी।अध्यक्षता प्रसिद्ध कवि राजीव शर्मा ने की
दूसरे कविता सत्र में निकिता गौर,गरिमा दुबे,अंजना मिश्रा ने काव्य पाठ किया। अध्यक्षता ज्योति जैन ने की।
लघुकथा सत्र में लघु कथाकार सूर्यकांत नागर,सतीश राठी, पूजा मेहरा विजय सिंह चौहान, सीमा व्यास,ने लघुकथाएं पढ़ी।अध्यक्षता योगेंद्र नाथ शुक्ल ने की।कार्यक्रम संचालन किया मुकेश तिवारी ने किया।
दूसरे दिन साहित्योत्सव में सांसद शंकर लालवानी, प्रसिद्ध कवि सत्यनारायण सत्तन, प्रो सरोज कुमार, सत्यनारायण व्यास, सोनाली नरगुंदे, प्रकाश हिंदुस्तानी, हर्षवर्धन प्रकाश, प्रवीण जोशी, जयंत भिसे, सुषमा व्यास, प्रभु त्रिवेदी सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। देर शाम को नीरज आर्य के कबीर कैफ़े बैंड ने प्रस्तुति दी। बड़ी संख्या में युवाओं ने इस प्रस्तुति का आनंद लिया।