अपराधों की विवेचना में फोरेंसिक साक्ष्यों के महत्व से पुलिस अधिकारियों को कराया अवगत

  
Last Updated:  September 18, 2022 " 03:44 pm"

इन्दौर : अपराधों में त्वरित कार्रवाई व उनमें वैज्ञानिक साक्ष्यों का उपयोग कर, विवेचना को और बेहतर व गुणात्मक तरीके के करते हुए अपराधियों के विरूद्ध प्रभावी कार्रवाई करने के उद्देश्य से 17.09.22 को कार्यालय पुलिस उपायुक्त इंदौर जोन-4 के सभागार में पुलिस के विवेचना अधिकारियों की दक्षता उन्नयन हेतु प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।

उक्त प्रशिक्षण कार्यशाला में पुलिस उपायुक्त इंदौर ज़ोन-4 आर.के. सिंह एवं अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त जोन-4 इंदौर प्रशांत चौबे की विशेष उपस्थिति में क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला इन्दौर के वैज्ञानिक अधिकारी राजेन्द्र चौकीकर द्वारा इंदौर पुलिस जोन-4 के प्रधान आरक्षक से निरीक्षक स्तर तक के विवेचना अधिकारियों को विभिन्न अपराधों एवं मर्ग जांच में फोरेंसिक साक्ष्यों के महत्व एवं अनुसंधान में इनका उपयोग किस प्रकार किया जाए, इसके संबंध में प्रशिक्षण दिया गया।

कार्यशाला में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और वैज्ञानिक अधिकारी ने उपस्थित सभी विवेचना अधिकारियों को बताया कि, अपराधों में हर स्तर पर बारीकी से जांच होनी चाहिए, इसमें थोड़ी सी चूक भी अपराधी के बचाव में सहायक हो सकती है। सभी प्रकार के अपराधों एवं महिला अपराधों में फोरेंसिक साक्ष्य अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, अतः इन्हें सहेजने व अपराधों की विवेचना में इनका प्रयोग करने में पूर्ण सावधानी बरतनी चाहिए। जांच के दौरान सभी वैज्ञानिक पहलुओं का विशेष ध्यान रखना चाहिए। अपराधों की जांच में साक्ष्यों का संकलन, घटना स्थल के निरीक्षण के समय ध्यान रखने वाली बारीकियों के बारे में विवेचना अधिकारियों को बताया गया। कई गंभीर प्रकरणों में डीएनए परीक्षण किस प्रकार सहायक हो सकता है, के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गई।

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