अब आम नागरिक भी बन सकता है पुलिस की तीसरी आंख

  
Last Updated:  December 8, 2022 " 04:56 pm"

दे सकता है शहर की सुरक्षा एवं अपराधों पर अंकुश लगाने में अहम योगदान।

प्रवासी भारतीय सम्मेलन एवं शहर की बेहतर सुरक्षा के तहत इंदौर पुलिस ने की नई योजना की शुरुआत।

पुलिस आयुक्त ने किया सिटीजन आई नामक नई सुरक्षा तकनीक का शुभारंभ।

इंदौर : पुलिस व्यवस्था को और बेहतर बनाने, आम नागरिकों की सुरक्षा और आगामी अंतर्राष्ट्रीय एनआरआई समिट व इन्वेस्टर्स मीट को ध्यान में रखते हुए, पुलिस आयुक्त नगरीय इंदौर हरिनारायणचारी मिश्र के निर्देशन में इंदौर पुलिस द्वारा सिटीजन कॉप फाउंडेशन के सहयोग से ‘सिटीजन आई’ नाम से एक नई सुरक्षा तकनीक की शुरूआत की गई है। इसके तहत शहर में व्यक्तिगत रूप से विभिन्न स्थानों पर लगाए गए कैमरों की जानकारी पुलिस कर्मियों के पास रहेगी। इस फीचर की मदद से हम शहर के 1 लाख सीसीटीवी कैमरे को इस योजना से जोड़ सकेंगे। एक औसत लागत के हिसाब से करोड़ों रूपए (लगभग 80 -100 करोड़) के कैमरों की मदद पुलिस प्रशासन को मिल सकेगी। इसमें किसी के पर्सनल फीड नहीं लिए जाएंगे और किसी की निजता को भी भंग नहीं किया जाएगा। इस योजना का मकसद सिर्फ शहर व नागरिकों की सुरक्षा है।

पुलिस कमिश्नर ने की सिटीजन आई की शुरुआत।

इस नई तकनीक की शुरुआत करते हुए पुलिस आयुक्त नगरीय इंदौर हरिनारायणचारी मिश्र ने कहा कि शहर को सुरक्षित रखने एवं अपराधों पर अंकुश लगाने में इस फीचर की मदद से हम तुरंत कैमरे में कैद हुई घटनाओं को देखकर प्रभावी कार्रवाई कर सकेंगे।
उन्होंने बताया कि यह फीचर सिटीजन कॉप के अंतर्गत जोड़ा गया है, जिसका नाम सिटीजन आई है। लोगों से अपील की जा रहीं है, कि वह अपने लगाए कैमरे, जो रोड साइड और शहर में अलग-अलग स्थानों पर लगे हैं उसकी जानकारी सिटीजन आई को दें। जनभागीदारी से किया गया यह प्रयास अनूठा है। हम अपेक्षा रखते हैं, अगर इस तरह से लोगों को जोड़कर एक लाख कैमरे का डाटा इसमें रख पाए तो पुलिस और शहर की सुरक्षा के लिए यह एक अनूठा प्रयास होगा। इसमें करोड़ों रूपए के राजस्व की बचत हम कर सकेंगे, साथ में मेंटेनेंस भी नागरिक, जनभागीदारी से करते रहेंगे। इस सुविधा से किसी समय पर पर कोई घटना होने पर पुलिस यह देख सकेगी कि उस स्थान पर आसपास कितने प्राइवेट कैमरे लगे हुए हैं, चाहे वह लोगों के व्यवसायिक स्थानों पर हो, या लोगों के निवास पर हो, या किसी चौराहे पर हो, पुलिस इन कैमरों की मदद से उस घटना के संदिग्ध के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई कर पाएगी।

यह तकनीक मोबाइल ऐप सिटीजन कॉप में ‘सिटीजन आई’ एप्लीकेशन नाम से है। इस सुविधा के जरिए जगह-जगह लगे कैमरों की मदद से पुलिस कर्मी अपराध को नियंत्रण करने में कदम उठा सकेंगे। शासन या पुलिस विभाग का पैसा ना लगाते हुए जनभागीदारी से शहर की सुरक्षा में बहुत अच्छे परिणाम हासिल किए जा सकें, यही इस योजना का उद्देश्य है।

सिटीजन कॉप एडमिन पैनल के साथ इंदौर पुलिस के लिए कैमरों की जानकारी हासिल करना आसान हो जाएगा।

इस नई तकनीकि सुविधा के लि केवल इतना करना है कि, अपने घर/ संस्थान या दुकान पर कैमरा लगाने वाले व्यक्ति को सिर्फ उसका मोबाइल नंबर, कैमरा जहां लगा है उस जगह की लोकेशन ,और कितने कैमरे लगाए गए हैं उसकी जानकारी वहां पर दर्ज करनी होगी।।

पुलिस केवल किसी घटना आदि के समय जरूरत पड़ने पर ही वो जानकारी लेगी, इसमें किसी के पर्सनल फीड नहीं लिए जाएंगे और किसी की निजता को भी भंग नहीं किया जाएगा।

सिटीजनकॉप के संस्थापक राकेश जैन ने कहा कि इसे एक सुरक्षित प्लेटफॉर्म पर बनाया गया है। इस सुविधा की मदद से पुलिस कर्मियों को घटना की तुरंत व सही जानकारी सही समय पर मिल सकेगी।

इस अवसर पर पुलिस आयुक्त नगरीय इंदौर हरिनारायणचारी मिश्र की विशेष उपस्थिति में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध एवं मुख्यालय), राजेश हिंगणकर, पुलिस उपायुक्त इंदौर रजत सकलेचा, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (सुरक्षा) इंदौर प्रमोद सोनकर , सहायक पुलिस आयुक्त सुभाष सिंह एवं सिटीजन कॉप ऐप के संस्थापक राकेश जैन विशेष रूप से मौजूद रहे।

इस नई तकनीक के क्रियान्वयन हेतु इसे बनाने में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध/मुख्यालय) इंदौर राजेश हिंगणकर एवं अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (का./व्य.) इंदौर मनीष कपूरिया के मार्गदर्शन में पुलिस उपायुक्त इंदौर रजत सकलेचा एवं सिटीजन कॉप ऐप के संस्थापक राकेश जैन का विशेष योगदान रहा।

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