अहिल्या पथ से प्रभावित किसानों को चार गुना मुआवजा नहीं

  
Last Updated:  March 27, 2025 " 05:47 pm"

प्रभावित किसानों को आईडीए देगा 50 फीसदी विकसित भूखंड।

कीर्ति राणा इंदौर । अहिल्या पथ योजना के लिये जिन गांवों के किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई है उन किसानों को तो झटका ही लगेगा कि इंदौर विकास प्राधिकरण ली गई जमीन का चार गुना मुआवजा नहीं देगा।

संभागायुक्त-सह अध्यक्ष विकास प्राधिकरण दीपक सिंह से सवाल किया था कि अहिल्या पथ के लिए जिन किसानों की जमीन ली गई है वो गुजरात की तर्ज पर चार गुना मुआवजा की मांग को लेकर सतत आंदोलन कर रहे हैं तो उन किसानों की इस मांग को मंजूर करते हुए बजट में चार गुना मुआवजा का प्रावधान है क्या ।

दीपक सिंह का कहना था प्राधिकरण किसानों की जितनी भी जमीन ले रहा है उस मान से उनकी 50 प्रतिशत भूमि पूर्णत: डेवलप कर के देगा। प्राधिकरण के डेवलपमेंट के बाद जमीन का भाव तेजी से बढ़ जाता है, कोई भी स्कीम शत-प्रतिशत पूर्ण होने पर विकसित की जाने वाली जमीन का भाव वैसे ही चार गुना से अधिक हो जाएगा।किसानों का तो फायदा ही होना है।

यह है अहिल्या पथ योजना।

प्राधिकरण रिजलाय से रेवती गांव तक अहिल्या पथ बना रहा है। यह सड़क 15 किलोमीटर लंबी और 75 मीटर चौड़ी होगी । इस सड़क के आस-पास कई योजनाएं विकसित की जाएंगी। इस योजना के लिये जिन किसानों की जमीन अधिग्रहित की जा रही है वे इसका विरोध कर रहे हैं।

इस योजना के फायदे।

इस सड़क के बनने से धार से उज्जैन जाने वाले वाहनों को सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी ।
इस सड़क के बनने से यातायात का दबाव कम होगा।
इस सड़क के आस-पास पांच योजनाएं विकसित की जाएंगी।
इस सड़क पर फ़्री वाई-फ़ाई की सुविधा रहेगी।
इस सड़क पर आपातकालीन पूर्व-उत्सर्जन और सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था होगी।
इस सड़क पर ट्रैफ़िक सिग्नलों का प्रबंधन करने वाला एक केंद्रीकृत ट्रैफ़िक नियंत्रण केंद्र होगा।

किसान इसलिये कर रहे हैं विरोध।

किसानों का कहना है कि आईडीए ने बिल्डरों के साथ मिलकर पहले से ही इस योजना को तय कर लिया था।
किसानों का कहना है कि आईडीए जमीन अधिगृहीत करने के बाद तीन से चार साल में भूखंड देगा। किसानों का कहना है कि उनकी उपजाऊ ज़मीन का उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। -कौड़ियों के दाम जमीन लेने का विरोध करने पर प्रशासन बल प्रयोग से लगातार आवाज दबा रहा है।

इंद्रेश्वर मंदिर का जीर्णोद्धार करेंगे।

जिस मंदिर के नाम से इंदौर रियासत की स्थापना हुई उस इंद्रेश्वर मंदिर का जीर्णोद्धार इंदौर विकास प्राधिकरण करेगा।
मीडिया ने जब दीपक सिंह को बताया कि मंदिर के आसपास अवैध कब्जों के चलते इस पुरातन मंदिर की पहचान खत्म सी हो गई है।उनका कहना था जीर्णोद्धार के साथ ही अवैध अतिक्रमण भी हटवाएंगे। मंदिर तक जाने वाले मुख्य मार्ग का भी चौड़ीकरण करेंगे।
विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष संभाग आयुक्त दीपक सिंह ने बताया कि इंद्रेश्वर मंदिर का विकास गोपाल मंदिर की तर्ज पर किया जाएगा। मंदिर के आसपास के अतिक्रमण को हटाया जाएगा। मंदिर परिसर का इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा सर्वे करवाया जा चुका है।

बस मालिकों को ही करना होगी पार्किंग व्यवस्था।

निजी बस चालकों द्वारा तीन इमली स्टैंड से बस संचालन में आनाकानी और पार्किंग की समस्या बताए जाने संबंधी प्रश्न पर उनका कहना था बसों के पार्किंग की व्यवस्था बस मालिकों को ही करना होगी, यह पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं। बस मालिकों द्वारा रिंग रोड पर (हंस ट्रेवल्स) बसें पार्क करने के साथ ही अन्य निजी बस मालिकों द्वारा चाहे जहां बसें पार्क करने से आम वाहन चालकों को राहत दिलाने का काम किसका है? उनका कहना था ट्रैफिक पुलिस और नगर निगम को देखना है।कमिश्नर के रूप में इंदौर सहित आठ जिले आप के अंडर में हैं फिर आप सीधे आदेश क्यों नहीं दे सकते? उनका कहना था यातायात समिति की बैठक में निर्देश देंगे।

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