इंदौर : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की इंदौर शाखा द्वारा रविवार को सीपीआर का प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया।आईएमए भवन एमओजी लाइन्स में संपन्न हुए इस कार्यक्रम में चिकित्सकों के साथ आमजन भी उपस्थित थे जिन्होंने सीपीआर के बारे में वैज्ञानिक के तथ्यों के साथ मानव पुतले पर प्रशिक्षण भी प्राप्त किया।
कार्यक्रम का उद्देश्य देश के सबसे स्वच्छ शहर के नागरिकों को आकस्मिकता की स्थिति में सीपीआर देने का प्रशिक्षण प्रदान करना था। ताकि चिकित्सा सहायता मिलने तक बहुमूल्य ऑक्सीजन का प्रवाह मस्तिष्क में जारी रहे।
सत्र के प्रशिक्षक निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. सुबोध चतुर्वेदी ने बताया कि ऑक्सीजन का मस्तिष्क में निरंतर प्रवाह अनिवार्य है। यदि यह प्रवाह 5 मिनट से अधिक तक न पहुंचे तो मस्तिष्क के मृत होने की संभावना उत्पन्न हो जाती है। इसलिए जब व्यक्ति बेहोश होकर गिर पड़े और उसकी गले की नब्ज ना मिले तो चिकित्सकीय सहायता के लिए 108 या समीप के अस्पताल या चिकित्सक को बुलावा भेजने के साथ-साथ सीपीआर के माध्यम से निश्चित स्थान पर हृदय को दबाने का कार्य 100 बार प्रति मिनट की दर से किया जाए तो चिकित्सकीय सहायता मिलने तक मस्तिष्क को ऑक्सीजन का प्रवाह बना रहता है और एक अमूल्य जीवन की रक्षा की जा सकती है. यह क्रिया संजीवनी बूटी की भान्ति जीवन रक्षक होती है।
कार्यक्रम के सूत्रधार डॉक्टर सौरभ मालवीय ने उपस्थित लोगों के समक्ष सीपीआर देने की शैली का प्रदर्शन किया।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, इंदौर शाखा के अध्यक्ष डॉ. अनिल भदौरिया ने बताया कि चिकित्सकों की इस संस्था का शहर के नागरिकों के स्वास्थ्य के प्रति नैतिक सरोकार को दृष्टिगत रखते हुए यह सत्र नियमित रूप से आयोजित किए जाएंगे। सीपीआर के प्रशिक्षण की यह मुहिम हर माह के दूसरे रविवार को प्रातः 8:00 से 9:00 के मध्य आयोजित की जाएगी।
आयएमए कॉलेज ऑफ़ जनरल प्रैक्टिशनर चेन्नई के संयुक्त सचिव डॉ. सतीश जोशी ने बताया कि सीपीआर का प्रशिक्षण विभिन्न समाजों, सोशल ग्रुप क्लब के साथ रेजिडेंशियल सोसायटी, शासकीय सेवकों, जिम ट्रेनर्स, डॉमेस्टिक हेल्प, ड्राइवर्स तथा वॉचमैन इत्यादि को भी आईएमए भवन पर उपलब्ध रहेगा। मानद सचिव डॉ.विजय हरलालका ने आभार माना।