आईडीए अध्यक्ष चावड़ा का अवैध कॉलोनियों के रहवासियों ने किया घेराव

  
Last Updated:  August 23, 2023 " 09:37 pm"

प्रदर्शन के साथ आईडीए के खिलाफ की नारेबाजी।

वैधता में बाधक योजना क्रमांक 171 व अन्य योजनाओं से कॉलोनियों को मुक्त करने की मांग की।

आईडीए अध्यक्ष चावड़ा और विधायक महेंद्र हार्डिया ने चुनाव के पूर्व शासन से समस्या के निराकरण का दिया आश्वासन।

इंदौर : आईडीए की योजना क्रमांक 171 व अन्य योजनाओं से प्रभावित अवैध कॉलोनियों के रहवासियों ने बुधवार को आईडीए कार्यालय पर हल्ला बोल प्रदर्शन किया। आईडीए के खिलाफ हाथों में तख्तियां लिए प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान जमकर नारेबाजी करते हुए आईडीए अध्यक्ष का घेराव किया और उनसे एनओसी जारी करने की मांग करते हुए आचार संहिता लागू होने के पूर्व उनकी कॉलोनियों को वैधता प्रदान करने की मांग की। इस बीच विधायक महेंद्र हार्डिया भी वहां पहुंच गए थे। लोगों के आक्रोश को देखते हुए आईडीए अध्यक्ष चावड़ा और विधायक हार्डिया ने आश्वस्त किया कि उनकी कॉलोनियों को चुनाव के पूर्व वैध करवाने का पूरा प्रयास किया जाएगा।

आईडीए अध्यक्ष का घेराव कर की नारेबाजी।

योजना क्रमांक 171, 77 व अन्य योजनाओं में अटकी सौ से अधिक कॉलोनियों के रहवासी बुधवार सुबह अपने चरणबद्ध आंदोलन के तहत टेनिस क्लब के समीप एकत्रित हुए और वहां से हाथों में बैनर, पोस्टर व तख्तियां लिए आईडीए की ओर बढ़े। वे आईडीए के खिलाफ जोरदार नारेबाजी कर रहे थे। इस बीच आईडीए अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा वहां पहुंचे तो प्रदर्शनकारियों ने उनकी कार को घेर लिया और नारेबाजी करने लगे। इसपर चावड़ा कार से नीचे उतरे और आईडीए परिसर में पहुंचकर प्रदर्शनकारियों से चर्चा की। उन्होंने अपनी बात प्रदर्शनकारियों के समक्ष रखनी चाही पर वे उनकी कोई बात सुनने को ही तैयार नहीं थे। प्रदर्शनकारी लगातार आईडीए के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। भीड़ में से कई लोग चुनाव में सबक सिखाने की भी चेतावनी दे रहे थे। इस बीच क्षेत्रीय विधायक महेंद्र हार्डिया भी आईडीए पहुंच गए और प्रदर्शनकारियों से चर्चा की।

आईडीए भेज चुका है डिनोटिफिकेशन का प्रस्ताव।

जयपाल सिंह चावड़ा ने प्रदर्शनकारियों के समक्ष आईडीए का पक्ष रखते हुए कहा कि उन्होंने अध्यक्ष का पदभार संभालने के बाद तमाम योजनाओं की समीक्षा कर ऐसी योजनाओं को हटाने का फैसला लिया जो धरातल पर नहीं उतर पाई थी, जिससे लोगों को राहत मिल सकें। योजना क्रमांक 171 के मामले में उन्होंने खुद बोर्ड में डिनोटिफिकेशन का प्रस्ताव पारित कर शासन को प्रेषित किया है। अब उस पर शासन को निर्णय लेना है। चावड़ा ने कहा की आईडीए विभिन्न स्कीमों से प्रभावित करीब 125 कॉलोनियों को मुक्त करने की प्रक्रिया में जुटा है ताकि उन्हें वैध किया जा सके।
विधायक महेंद्र हार्डिया ने भी प्रदर्शन कारियों को आश्वस्त किया कि उनकी कॉलोनियों को जल्द से जल्द आईडीए की योजनाओं से मुक्त कर उन्हें वैध करने की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी। बावजूद इसके प्रदर्शनकारी मानने को तैयार नहीं हुए। वे चुनाव के पूर्व निर्णय की मांग कर रहे थे।

आचार संहिता के पहले होंगी योजनाओं से मुक्त।

प्रदर्शनकारियों के दबाव और आक्रोश को देखते हुए आईडीए अध्यक्ष चावड़ा एवम विधायक महेंद्र हार्डिया ने आश्वस्त किया कि वे मुख्यमंत्री से समय लेकर प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधि मंडल के साथ उनसे मिलेंगे और डिनोटिफिकेशन संबंधी प्रस्तावों को मंजूर कर प्रभावित कॉलोनियों को वैध किए जाने का आग्रह करेंगे। आचार संहिता लागू होने के पहले योजनाओं से मुक्त होने का आश्वासन दिए जाने के बाद प्रदर्शनकारी संतुष्ट हुए।

आचार संहिता से पहले योजनाओं से मुक्ति नहीं मिली तो चुनाव में सिखाएंगे सबक।

इंदौर पीड़ित भूखंडधारी महासंघ के बैनर तले लामबंद हुए प्रदर्शनकारियों का कहना था कि अयोध्यापुरी, पुष्पविहार, न्याय नगर और तुलसी नगर सहित 114 अवैध कॉलोनियां आईडीए की स्कीम नंबर 171, 77 और अन्य योजनाओं से प्रभावित हैं। आईडीए से एनओसी नहीं मिलने के कारण उनकी कॉलोनियों में न तो विकास कार्य हो पा रहे हैं और न ही वैध हो पा रहीं हैं। वे 20 -25 वर्षों से आईडीए के चक्कर लगा रहे हैं पर उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। करीब 50 हजार परिवारों के दो लाख लोग इससे मुश्किल में फंसे हैं। इसके चलते उन्हें मजबूर होकर आंदोलन का सहारा लेना पड़ा। उन्होंने चेतावनी दी की आचार संहिता लागू होने के पूर्व उनकी कालोनियां आईडीए की योजनाओं से मुक्त नहीं हुई तो वे चुनाव में इसका हिसाब बराबर करेंगे।

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